नई दिल्ली: रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार को कहा कि सेना की युद्ध सामग्री की उपलब्धता में सुधार हुआ है। हाल ही में संसद में पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि भारत अभी युद्ध में भाग लेता है तो इसकी 90 प्रतिशत युद्ध सामग्री 10 दिनों तक चलने में समर्थ नहीं है।
पर्रिकर ने आजतक द्वारा आयोजित सम्मेलन मंथन में इस बात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "सीएजी की वह रिपोर्ट 2008-2013 के दौरान की थी। अब स्थिति बदल गई है।"
पर्रिकर ने कहा, "अब हम दो साल आगे हैं। पिछले साल ही बंदूकों और गोला-बारूदों का उत्पादन 18 प्रतिशत था, जो पहले की तुलना में अधिक है।"
उन्होंने कहा कि पहले एक साल की अवधि के लिए युद्ध सामग्री के उत्पादन का ठेका दिया जाता था, लेकिन अब हम कई सालों का ठेका इकट्ठे ही दे देते हैं।
पर्रिकर ने कहा कि सामग्रियों की लागत, उनकी जीवन अवधि और भंडारण जरूरतें यह निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाती हैं कि भंडार में कितना गोला-बारूद मौजूद है।