नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह आज शाम मुंबई में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने वाले हैं। माना जा रहा है कि अमित शाह के मुलाकात का मकसद लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना की नाराजगी दूर करना है लेकिन बैठक से पहले ही शिवसेना ने अमित शाह पर हल्ला बोल दिया है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में कहा गया है कि पार्टी 2019 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। सामना ने बीजेपी के संपर्क अभियान की तुलना भारत दर्शन से की है। साथ ही उसने कहा है कि बीजेपी को चुनाव जीतने के लिए पोस्टर ब्वॉय की जरूरत है, हमे नहीं।
शिवसेना ने बीजेपी पर पालघर में हुए उपचुनाव साम-दाम-दंड-भेद से जीतने का आरोप लगाते हुए उसे किसानों और पेट्रोल के बढ़ते दामों जैसे मुद्दों पर घेरा है। इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत पहले कह चुके हैं कि मेहमान का स्वागत करना मातोश्री की परंपरा है लेकिन इस मुलाकात के लिए शिवसेना का अपना कोई अजेंडा नहीं है। उद्धव की शिकायत रही है कि बीजेपी सत्ता पाते ही शिवसेना के अहसानों को भूल गई है।
शिवसेना ने सामना में कहा है कि बीजेपी ने बड़ा संपर्क अभियान शुरू किया है, जिसके अनुसार पीएम मोदी विश्व भ्रमण और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह देश भ्रमण पर हैं। एनडीए के सहयोगी दलों से शाह मुलाकात करने वाले हैं। वे उपचुनाव में बीजेपी की दुर्दशा होने के बाद क्यों मिल रहे हैं, यह भी एक सवाल है। 2019 का चुनाव शिवसेना अपने दम पर लड़ने वाली है।
सामना में शिवसेना ने यह भी कहा है कि पालघर उपचुनाव के नतीजे ने शिवसेना की ताकत दिखा दी है ऐसे में बीजेपी अध्यक्ष के संपर्क अभियान के पीछे 2019 का चुनाव वजह हो सकती है। शिवसेना जैसी पार्टी हमेशा जनसंपर्क और जनाधार के बल पर ही आगे की ओर बढ़ती रहती है उसे चुनाव जीतने के लिए, लड़ने के लिए किसी पोस्टर ब्वॉय की जरूरत नहीं होती। जरूरत के हिसाब से पोस्टर की तस्वीर बदलने तथा वोट मांगने का धंधा हमने नहीं किया।
खबर है कि बीजेपी को आरएसएस ने सलाह दी है कि पार्टी को अपने सहयोगियों से संपर्क बढ़ाना चाहिए। पिछले दिनों दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में संघ और बीजेपी नेताओं की एक बैठक हुई थी। उसके बाद से ही अमित शाह ‘संपर्क फॉर समर्थन’ अभियान के तहत एनडीए के नेताओं और देश के नामी लोगों से घर-घर जाकर मिल रहे हैं। गौरतलब है कि एनडीए से तेलुगू देशम के चंद्राबाबू नायडू बाहर हो चुके हैं। अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल और शिवसेना के उद्धव ठाकरे एनडीए से नाराज चल रहे हैं। ऐसे में बीजेपी को 2019 में सिंहासन डोलता नजर आ रहा है।