नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मोदी सरकार की चार साल की उपलब्धियों को बताने के लिए माधुरी दीक्षित, लता मंगेशकर और उद्योगपति रतन टाटा से मुलाकात करेंगे। बीजेपी संपर्क माध्यम से उन सहयोगी दलों से मुलाकात करना चाहती है जो या तो पार्टी की आलोचना कर रहे हैं या उससे मतभेदों को व्यक्त कर रहे है। इसका उद्देश्य अगले साल लोकसभा चुनावों से पहले एनडीए गठबंधन को मजबूत करना है। नतीजा चाहे जो भी हो, 2019 का चुनाव बेहद ही भव्य स्तर पर लड़ा जाएगा क्योंकि बीजेपी सत्ता बचाने के लिए मैदान में उतरेगी तो कांग्रेस अपनी बची हुई साख और सियासत बचाने के लिए।
पहली बार ऐसा हो रहा है कि साल भर बाद होने वाले चुनाव की गूंज साल भर पहले से ही सुनाई दे रही है। ये गूंज ही तो है कि 2019 चुनाव के लिए बीजेपी अभी से संपर्क फॉर समर्थन की शुरुआत कर चुकी है। हर बड़े चेहरों से अमित शाह की मुलाकात हो रही है और आज बीजेपी अध्यक्ष अमीत शाह उन चेहरों से मिलने वाले हैं जिनकी बोली का असर, जिनके इशारों का असर, जिनकी आवाज का असर लाखों करोड़ों वोटरों पर होता है।
हिंदुस्तान में कई पीढ़ियां जिनकी आवाज सुनकर बड़ी हुई है उस स्वर कोकिला लता मंगेश्कर से मिलने आज अमित शाह उनके घर जा रहे हैं। इस मुलाकात के दौरान बीजेपी अध्यक्ष लता जी को बताएंगे चार साल में उनकी पार्टी की सरकार ने क्या किया। देश के लिए क्या बचाया। क्या कमाया। लता मंगेश्कर से अमित शाह का मिलना यूं ही नहीं है। लता मंगेश्कर तब भी बीजेपी के साथ खड़ी थी जब बीजेपी सत्ता में आने के लिए कांग्रेस से लड़ाई लड़ रही थी।
अगले साल लोकसभा चुनाव में पार्टी को 272 के आंकड़े के पार पहुंचाना है तो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने संपर्क फॉर समर्थन अभियान के तहत देश की बड़ी हस्तियों से मिलने का सिलसिला शुरू किया है। लता मंगेश्कर से मुलाकात के बाद बीजेपी अध्यक्ष बॉलीवुड एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित से मिलने जाएंगे। बीजेपी की कोशिश है कि इस नायिका को अपने साथ जोड़ा जाये ताकि इनके चाहने वाले बीजेपी के साथ चुंबक की तरह चिपक जाए। अब तक माधुरी दीक्षित सरकार के सरकारी कार्यक्रम में तो नजर आती रहीं हैं लेकिन उन्होंने बीजेपी के लिए कभी खुलकर कुछ बोला नहीं है।
जब हरियाणा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की थी तब माधुरी दीक्षित भी मोदी के साथ एक मंच पर थी लेकिन वो सियासी मंच नहीं था। इस बार अमित शाह की कोशिश है कि माधुरी दीक्षित भी लोगों को बताएं कि कमल खिलेगा तो लोगों की जिंदगी खुशियों से महक उठेगी। कलाकारों की दुनिया से अमित शाह मुलाकात करके निकलेंगे तो कारोबार की दुनिया के दिग्गज रतन टाटा के दरवाजे पर भी जाएंगे।
रतन टाटा भी उन लोगों में से एक थे जो पीएम मोदी को बदलते हुए भारत का चेहरा बताते थे। जब 2014 में लोग संदेह की नजरों से पीएम मोदी की ओर देख रहे थे तो रतन टाटा हर मंच से कहते थे कि एक बार भारत की जनता गुजरात के मुख्यमंत्री पर दांव लगाए। रतन टाटा ने मोदी की तारीफ में कसीदे सिर्फ उस वक्त नहीं पढ़े जब वो एक मुख्यमंत्री थे। रतन टाटा मोदी के लिए ढाल बन कर उस वक्त भी खड़े हुए जब प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल का तीन साल बीत चुका था और मोदी सरकार पर विपक्ष हमलों की बरसात कर रहा था।
चार साल पहले मोदी के कंधों पर बीजेपी की चुनावी नैय्या पार लगाने की जिम्मेदारी थी और एक साल बाद एक बार फिर वही हालात आने वाले हैं। ऐसी कोई जगह नहीं जहां भारत की विकास गाथा मोदी के होठों पर झलक ना जाती हो। वही कहानियां अमित शाह मुलाकात करने वालों को बता रहे हैं। अमित शाह जानते हैं दिल्ली में कमल खिलाने के लिए एक भी चेहरे को खारिज नहीं किया जा सकता।