पटना: ऐसे में जब बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मुश्किल से 15 दिन का समय बचा है भाजपा अध्यक्ष अमित शाह राज्य के सप्ताह भर के दौरे के लिए पहुंच गए हैं। इस दौरान वह जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन के साथ कड़े चुनावी मुकाबले के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए ताबड़तोड़ बैठकें करेंगे। बिहार भाजपा प्रवक्ता संजय मयूख ने बताया कि आज यहां पहुंचे शाह के साथ भाजपा के चुनाव प्रभारी अनंत कुमार भी हैं। इस दौरान शाह पूरे बिहार में नौ क्षेत्रीय बैठकों की अध्यक्षता करेंगे जिसमें पार्टी के प्रमुख नेता और सभी 38 जिलों के कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। इसके साथ ही शाह विभिन्न कारणों से उत्पन्न होने वाली असहमति की आवाजों को शांत करने का भी काम करेंगे।
असहमति के कारणों में जदयू छोड़कर आए लोगों को टिकट दिया जाना और कथित तौर पर उन्हें टिकट देना जिनकी आपराधिक पृष्ठभूमि है तथा कुछ नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट नहीं देना शामिल है। पार्टी के एक सूत्र ने कहा, अमित शाह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पार्टी की पूरी व्यवस्था विधानसभा चुनाव जीतने के उद्देश्य में मजबूती से लग जाए क्योंकि प्रचार का आखिरी चरण शुरू हो गया है। प्रचार में जो भी रणनीतिक परिवर्तन किए जाने हैं, उनके द्वारा ही किये जाएंगे, जिसमें स्थानीय या बूथ स्तर पर प्रबंधन को मजबूती प्रदान करना शामिल हो सकता है। शाह बैठकें कल से शुरू करेंगे। वह पांच अक्तूबर तक बेगूसराय, औरंगाबाद, पटना, मुजफ्फरपुर और सुपौल आदि स्थानों पर बैठकें करेंगे।
भाजपा अध्यक्ष इसके साथ ही किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया में भी रैलियां करेंगे। भाजपा पिछले लोकसभा चुनाव में इन तीन सीटों पर हार गई थी और शाह का यहां रैलियां करना इस बात को रेखांकित करता है कि वह इन स्थानों को कितना महत्व देते हैं जहां मुस्लिम आबादी राज्य में सबसे अधिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो अक्तूबर को बांका में एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। भाजपा पिछले वर्ष हुए चुनाव में इस सीट पर हार गई थी। बिहार में 12 अक्तूबर से पांच नवम्बर तक पांच चरणों में चुनाव होना है। लगभग सभी ओपिनियन पोल में भाजपा नीत राजग तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद वाले महागठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला होने का संभावना जतायी गई है।