हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के लिखे पत्र का जवाब दिया है। उन्होंने शाह की चिट्ठी को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए कहा कि केंद्र का रवैया राज्य के प्रति ठीक नहीं है और वह हमारी सरकार के बारे में भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि आंध्र प्रदेश को सुविधाएं दी गई होतीं तो यहां कई सारे उद्योग आ चुके होते। इससे पहले अमित शाह ने चंद्रबाबू नायडू को लिखे पत्र में कहा कि NDA सरकार से अलग होने का उनका फैसला एकतरफा और राजनीतिक भावना से प्रेरित था।
चंद्रबाबू नायडू ने विधानसभा में अमित शाह की चिट्ठी का जवाब देते हुए कहा, 'अमित शाह का पत्र झूठ का पुलिंदा है, जिससे उनके रवैये का पता चलता है। अभी भी केंद्र पूर्वोत्तर के राज्यों को विशेष सुविधा उपलब्ध करा रहा है। यदि आंध्र प्रदेश को भी इसी तरह की सुविधाएं दी गई होतीं तो राज्य में कई सारी इंडस्ट्री अभी तक आ चुकी होतीं। अमित शाह ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि केंद्र ने राज्य को कई सारे फंड दिए हैं, जिनका हम इस्तेमाल नहीं कर सके हैं। वह कहना चाह रहे हैं कि आंध्र प्रदेश की सरकार सक्षम नहीं है। हमारी सरकार में GDP और कृषि की हालत अच्छी है और कई तरह के राष्ट्रीय पुरस्कार हैं। यह है हमारी क्षमता। आप क्यों झूठ फैला रहे हैं।' '
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इससे पहले NDA से अलग होने के नायडू के फैसले को दुर्भायपूर्ण करार देते हुए शाह ने पत्र में कहा था कि यह फैसला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और इसमें प्रदेश के विकास को दरकिनार किया गया है। शाह ने लिखा कि बीजेपी हमेशा से ही विकास और काम करने की राजनीति में भरोसा रखती है और यही हमारा प्रेरणा स्रोत है। शाह ने लिखा है कि आंध्र प्रदेश के बंटवारे से लेकर आज तक बीजेपी ने हमेशा आंध्र प्रदेश के लोगों की आवाज को उठाया है और लोगों के हितों के लिए काम किया है। उन्होंने लिखा, ‘हम लगातार तेलगु लोगों और तेलगु राज्य के हित के बारे में सोचते हैं। कांग्रेस ने प्रदेश के बंटवारे में लोगों के हितों का खयाल नहीं रखा जिसकी वजह से लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ता है। कांग्रेस ने बंटवारे के दौरान लोगों की संवेदना का बिल्कुल भी खयाल नहीं रखा।’
चंद्रबाबू नायडू को 2014 के लोकसभा चुनाव की याद दिलाते हुए शाह ने लिखा कि जब राज्यसभा और लोकसभा में आपकी पार्टी के पास पर्याप्त संख्या नहीं थी तब भी बीजेपी ने इस बात को प्राथमिकता से सदन में उठाया और प्रदेश के लोगों को न्याय दिलाने की बात कही थी। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश को अलग राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर चंद्रबाबू नायडू ने NDA गठबंधन से अलग होने का फैसला किया है। शाह ने अपने पत्र में लिखा कि आंध्र प्रदेश का विकास हमारी सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर है और इसका उदाहरण है कि हम प्रदेश में शैक्षणिक संस्थान, आधारभूत संरचना समेत अनेक विकास कार्यो में विशेष सहयोग दे रहे हैं।
आंध्र प्रदेश के विकास के प्रति बीजेपी के असंवेदनशील होने के नायडू के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए शाह ने कहा कि ये आरोप गलत और आधारहीन हैं। उन्होंने लिखा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आंध्र प्रदेश के विकास के लिए हम दोनों दलों को जनादेश मिला था और वह दलगत राजनीति से प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 4 वर्षो में देश के विभिन्न हिस्सों में हमें जिस तरह से जनता का समर्थन प्राप्त हुआ है वह मोदी सरकार के सकारात्मक एजेंडे पर मुहर है। प्रधानमंत्री सहकारी संघवाद को आगे बढाते हुए टीम इंडिया में विश्वास के साथ काम कर रहे हैं और आंध्र प्रदेश का इसमें विशेष स्थान है।