नई दिल्ली: रिश्तों में तल्खी के बीच बुधवार रात बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह उद्धव ठाकरे से मिलने उनके घर मातोश्री पहुंचे और दोनों के बीच करीब सवा दो घंटे की बैठक हुई। बैठक के दौरान उद्धव ने अमित शाह के सामने बीजेपी को लेकर अपनी और अपनी पार्टी की तमाम नाराजगियों को रखा। सूत्रों के मुताबिक अमित शाह ने उद्धव को उनकी सभी शिकायतें दूर करने का भरोसा दिया है। इस भरोसे के बाद शिवसेना अब 2019 में गठबंधन पर बात करने को राजी हो गई है। कल शाम करीब पौने आठ बजे अमित शाह जब मातोश्री पहुंचे तो उद्धव ठाकरे ने पूरे परिवार के साथ उनका स्वागत किया।
मुलाकात के लिए अमित शाह मातोश्री तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के साथ पहुंचे थे लेकिन जब बंद कमरे में दोनों के बीच मुलाकात शुरू हुई तो फड़णवीस को बाहर मुलाकात खत्म होने का इंतजार करना पड़ा। यानी बैठक में न तो फड़णवीस थे, ना महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष राव साहब दानवे और ना ही उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे। बंद कमरे में ये बैठक सिर्फ उद्धव ठाकरे और अमित शाह के बीच हुई। मातोश्री में अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच बैठक एक घंटे चलने वाली थी लेकिन बैठक करीब सवा दो घंटे तक बैठक चली।
बीजेपी-सेना में दोस्ती पक्की?
दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में वन टू वन बातचीत हुई। सूत्रों के मुताबिक बातचीत के दौरान उद्धव ने पालघर उप-चुनाव के दौरान बीजेपी नेताओं के आरोपों पर आपत्ति जताई। उद्धव ने महाराष्ट्र के बीजेपी नेतृत्व पर अपनी नाराजगी अमित शाह के सामने जाहिर की। इसके अलावा उद्धव ने कैबिनेट के विस्तार नहीं होने और एनडीए की को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक नहीं होने का भी मुद्दा उठाया। सूत्रों के मुताबिक सारी शिकायतें सुनने के बाद अमित शाह ने उद्धव को शिकायतें दूर करने का भरोसा दिलाया, साथ ही शिवसेना को 2019 का लोकसभा चुनाव साथ लड़ने को भी कहा।
शिवसेना की नाराजगी
सवाल ये है कि आखिर अमित शाह को उद्धव ठाकरे से मुलाकात क्यों करनी पड़ी, तो उसका जवाब है सबसे पुराने दोनों सहयोगियों के बीच बढ़ी तल्खी जो पालघर उप-चुनाव के दौरान चरम पर पहुंच गई थी। उद्धव ने तो 2019 का चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान तक कर दिया था। बीजेपी के स्थानीय नेताओं की बयानबाजी से उद्धव ठाकरे नाराज हैं। पालघर उप-चुनाव के दौरान बीजेपी नेताओं ने तल्ख बयानबाजी की थी। शिवसेना इस बात से भी नाराज है कि अहम सहयोगी होने के बावजूद उसकी अनदेखी होती है। इनके अलावा महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट विस्तार नहीं होने से भी शिवसेना नाराज है।
अगर शिवसेना बीजेपी से नाराज है तो बीजेपी भी सामना और शिवसेना नेताओं के बयानों से राज्य और केंद्र सरकार की आलोचना से नाराज है। इन्हीं गिले-शिकवे को दूर करने के लिए अमित शाह उद्धव ठाकरे के घर पहुंचे थे। मातोश्री में करीब सवा दो घंटे तक चली बैठक खत्म होने के बाद सभी नेताओं ने साथ में डिनर किया और फिर अमित शाह मातोश्री से निकले। अमित शाह को बाहर तक छोड़ने के लिए उद्धव खुद आए। इस दौरान भी दोनों नेताओं के बीच काफी गर्मजोशी दिखी। सूत्र बताते हैं कि पूरी बैठक के दौरान अमित शाह की कोशिश ये समझाने की रही कि जिस तरह से दोनों पार्टियां पिछले कई साल से साथ चुनाव लड़ रही हैं 2019 का चुनाव भी साथ लड़ें। इसी में दोनों का फायदा है।
साथ ही शिवसेना को ये भी भरोसा दिलाया गया कि अगले एक दो महीने में दोनों पार्टी के नेताओं की बैठक होगी जिसमें सारे मतभेद सुलझाने की कोशिश की जाएंगी। उद्धव से मुलाकात के बाद अमित शाह सीधे शहयाद्री गेस्ट हाउस पहुंचे जहां उन्होंने सीएम देवेंद्र फडणवीस समेत महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राव साहब दानवे, राज पुरोहित,विनोद तावड़े के साथ बैठक की। शिवसेना की हमेशा से ही प्रेशर बनाने की एक रणनीति रही है। हाल के दिनों में शिवसेना के बर्ताव को उसी नजरिए से देखा जा रहा है।