नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि एनआरसी को लेकर विपक्षी दल बीजेपी की गलत छवि देश के सामने रखने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनआरसी में 40 लाख नागरिकों को अवैध घोषित कर दिया गया है। जिन नामों को हटाया गया है वो भारतीय नागरिक नहीं है। जिनके नाम कटे हैं आपत्ति देंगे..सुनवाई होगी.. सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय मानकों से जांच होगी.. उसके बाद ही आग की कार्रवाई तय होगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया।
अमित शाह ने कहा कि एनआरसी की शुरुआत कांग्रेस सरकार ने की है। शाह ने एनआरसी की शुरुआत कैसी हुई इन सबका ब्यौरा देते हुए कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा किअसम में घुसपैठ से जनसंख्या में असंतुलन के बाद वहां के युवाओं ने आंदोलन किया। अमित शाह ने कहा कि कोई यह नहीं कह रहा है कि एनआरसी कैसे आया। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि यह महत्वपूर्ण मुद्दा है इसपर सभी दलों को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। किसी भी देश से लोग आकर यहां रहने लगेंगे ऐसा हो सकता है? घुसपैठियों को बढ़ावा देकर आंतरिक सुरक्षा के साथ हम खिलवाड़ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि एनआरसी देश की सुरक्षा के लिए है।
बीजेपी अध्यक्ष ने इंदिरा गांधी के कार्यकाल और राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए असम समझौते का जिक्र किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कांग्रेस की सरकार कभी यह साहस ही नहीं कर पाई कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को कैसे बाहर किया जाए।
वहीं ममता बनर्जी के बयान से जुड़े सवाल पर अमित शाह ने कहा कि वे वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं और सुरक्षा के मुद्दे पर वोट बैंक की राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कौन की बात कही जा रही है कि देश में गृह युद्ध हो जाएगा? इस तरह का भ्रम फैला कर जनता को गुमराह क्यों किया जा रहा है?