नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2021 पर चर्चा के दौरान कहा कि धारा 370 का हिसाब मांगनेवाले 70 साल का हिसाब दें। उन्होंने कहा कि अभी धारा 370 हटे हुए 17 महीने ही हुए हैं और हमसे हिसाब मांग रहे हो। 70 साल आपने क्या किया इसका हिसाब लेकर आए हो? अगर 70 साल ढंग से चलाते तो हमसे हिसाब मांगने का समय ही नहीं आता।
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा-पीढ़ियों तक जिन लोगों ने शासन किया वो अपने गिरेबान में झांकें....वो जवाब मांगने के लायक हैं या नहीं। हमारी सरकार एक-एक काम का हिसाब देने को तैयार है। इस बिल का जम्मू-कश्मीर के स्टेटहुड से कोई लेना-देना नहीं है। जब जरूरत पड़ेगा तो स्टेटहुड दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं फिर से कहता हूं कि इस विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है। उपयुक्त समय पर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जाएगा।’’ 4जी इंटरनेट सुविधाएं दबाव में बहाल करने के आरोप पर जवाब देते हुए शाह ने कहा, ‘‘ असदुद्दीन ओवैसी जी ने कहा कि 2जी से 4जी इंटरनेट सेवा को विदेशियों के दबाव में लागू किया है। उन्हें पता नहीं है कि यह संप्रग सरकार नहीं, जिसका वह समर्थन करते थे। यह नरेन्द मोदी की सरकार है, जो देश के लिए फैसले करती है।’’
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं इस सदन को फिर से एक बार कहना चाहता हूं कि कृपया जम्मू कश्मीर की स्थिति को समझें। राजनीति करने के लिए कोई ऐसा बयान न दें, जिससे जनता गुमराह हो।’’ शाह ने कहा कि औवेसी अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं। एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? उन्होंने कहा कि अफसरों को हिन्दू-मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं। गौरतलब है कि एआईएमआईएम सांसद असादुद्दीन ओवैसी ने जम्मू कश्मीर में आबादी के हिसाब से मुस्लिम अफसरों की संख्या कम होने का आरोप लगाया था।