नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आकाश मिसाइल प्रणाली के निर्यात को मंजूरी दिए जाने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले की सराहना की और कहा कि इससे भारत के रक्षा निर्यात में पांच अरब डॉलर के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि 7,725 करोड़ रुपये की लागत से औद्योगिक गलियारे के लिए प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी जिससे 2.8 लाख से ज्यादा रोजगार का सृजन होगा।
शाह ने कहा, ‘‘भारत के रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण फैसला हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले मंडिमंडल ने आकाश मिसाइल प्रणाली के निर्यात को मंजूरी दे दी और त्वरित मंजूरी के लिए एक कमेटी भी बनायी जा रही है। इससे भारत के रक्षा निर्यात में पांच अरब डॉलर के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।’’
शाह ने ट्वीट किया, ‘‘मंत्रिमंडल की बैठक में 7,725 करोड़ रुपये की लागत से औद्योगिक गलियारे के वास्ते प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं। इससे 2.8 लाख से ज्यादा रोजगार सृजित होंगे। इन परियोजनाओं से ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को प्रोत्साहन मिलेगा और देश में निवेश बढ़ेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसान कल्याण के अपने संकल्प को दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट बैठक में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि उपज से इथेनॉल उत्पादन के लिये डिस्टिलेशन क्षमता बढ़ाने का अभूतपूर्व निर्णय लिया। इससे किसानों का सशक्तीकरण व रोजगार सृजन होगा और प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी।’’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आकाश मिसाइल प्रणाली के निर्यात को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। इसके साथ ही निर्यात को तेजी से सुगम बनाने के लिये एक समिति गठित करने का भी निर्णय किया गया। आकाश देश की महत्वपूर्ण मिसाइल है और यह 96 प्रतिशत स्वदेशी प्रकृति की है।
आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है और इसकी क्षमता 25 किलोमीटर है। चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा (सीबीआईसी) के अंतर्गत आंध्र प्रदेश में कृष्णापत्तनम औद्योगिक क्षेत्र और कर्नाटक में तुमकुर औद्योगिक क्षेत्र को स्वीकृति दे दी गई है। इसका मकसद चेन्नई बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा परियोजना में विकास को आगे बढ़ाना है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि इन प्रस्तावों पर 7,725 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है और 2.8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एथनॉल का उत्पादन करने वाली नयी डिस्टिलरीज के लिए 4,573 करोड़ रुपये की ब्याज सहायता को मंजूरी दी है। इस एथनॉल का इस्तेमाल पेट्रोल में मिलाने के लिए किया जाएगा।