चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता तरुण चुघ की ओर से उनकी 'सेना की पृष्ठभूमि' पर की गई टिप्पणी को निंदनीय बताते हुए पलटवार किया। सिंह ने शनिवार को भाजपा नेता चुघ पर निशाना साधा और उनकी टिप्पणी को 'निंदनीय' करार दिया। उन्होंने कहा, भाजपा या उनके नेता सैन्य सम्मान और राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा के बारे में जानते क्या हैं, जिसमें हमारे पंजाबी भाइयों के पार्थिव शरीर लपेटकर (शहीद होने के बाद) सीमाओं से हर दूसरे दिन लाए जाते हैं? उन्होंने कहा कि हम पंजाब राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे हुए अपने बेटों और भाइयों के शवों को देखने का दर्द जानता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, पंजाब में हम हर दूसरे दिन राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे अपने बेटों और भाइयों के पार्थिव शरीरों को देखने का दुख जानते हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, भारत के सम्मान और अखंडता की रक्षा के लिए अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों के प्रति भाजपा के पास कोई सहानुभूति या संवेदनशीलता नहीं है। न तो चुघ और न ही उनकी पार्टी अपने किसान पिता और भाइयों को अपने अधिकारों के लिए लड़ते हुए पिटते हुए देखने वाले उन सैनिकों की पीड़ा को समझ सकते हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री ने चुघ पर जानबूझकर देश के सीमाओं की सुरक्षा करने वाले बहादुर भारतीय सैनिकों के सम्मान से जुड़े मुद्दे पर झूठ बोलने के लिए निशाना साधा।
बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि अमरिंदर सिंह उन किसानों का समर्थन करके सेना की अपनी पृष्ठभूमि और गणतंत्र दिवस की गरिमा का अपमान कर रहे हैं, जिन्होंने दिल्ली में लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है। इस टिप्पणी के लिए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव को लताड़ते हुए सिंह ने कहा कि भाजपा ने पिछले छह वर्षों में संवैधानिक ताने-बाने को तोड़ दिया था। सिंह ने कहा कि इसने गणतंत्र दिवस के सम्मान की बात करने जैसे सभी नैतिक अधिकारों को खो दिया है।
लाल किले पर तिरंगे का अपमान करने वालों का समर्थन करने जैसे आरोपों के बीच चुघ को जवाब देते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह लालकिले की हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति का किसी भी तरह से समर्थन करने से दूर रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं सबसे पहले हिंसा की निंदा करने वालों में से था। हालांकि सिंह को यह विश्वास नहीं है कि हिंसा में शामिल किसान थे, जिन्होंने परेशानी पैदा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भाजपा के अपने समर्थक ही थे, जिन्हें गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी के ऐतिहासिक लाल किले में उपद्रव करते देखा गया।
अमरिंदर सिंह ने इस घटनाक्रम की पूरी तरह से जांच कराए जाने की भी मांग की।