चंडीगढ़: कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को 'मवाली' कहने पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी से तत्काल इस्तीफे की मांग की। पिछले लगभग आठ महीनों से केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता की आलोचना करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पार्टी की किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
अमरिंदर सिंह ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि सत्ताधारी पार्टी द्वारा असहमति और विरोध की सभी आवाजों को दबाने के कथित शर्मनाक प्रयासों को देखते हुए, यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र किसानों की भावना को तोड़ने में विफल रहा है। मीडिया संगठनों पर आईटी के छापे की नवीनतम घटना को लेकर उन्होंने राजग सरकार की उसके खिलाफ बोलने की हिम्मत करने वाली हर एक आवाज को "दबाने" के उसके प्रयासों के लिए फटकार भी लगाई।
बता दें कि बृहस्पतिवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित हिंसा की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर लेखी ने प्रदर्शनकारी यूनियनों को मवाली बताकर उनकी निंदा की। मीनाक्षी लेखी ने प्रेस वार्ता में कहा था, "वे किसान नहीं मवाली हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया।"
लेखी बयान पर किसान नेता राकेश टिकैत ने भी पलटवार करते हुए किसान को देश का अन्नदाता बताया। राकेश टिकैत ने कहा, "मवाली नहीं किसान हैं, किसान के बारे में ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। किसान देश का अन्नदाता है।" उन्होंने यह भी कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का ये भी एक तरीका है। जब तक संसद चलेगी हम यहां आते रहेंगे। सरकार चाहेगी तो बातचीत शुरू हो जाएगी।
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