नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज हुई मतगणना के साथ ही देश को नया राष्ट्रपति मिल गया है। NDA के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की जीत का औपचारिक ऐलान हो गया है और वह देश के 14 वें राष्ट्रपति होंगे। 25 जुलाई को शपथ ग्रहण समारोह होगा। बता दें कि कोविंद ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को हराया है। आइए हम आपको बताते हैं कि कौन हैं रामनाथ कोविंद और उनका कानपुर के एक छोटे से गांव से लेकर रायसीना हिल्स तक का सफर...
कौन हैं रामनाथ कोविंद ?
रामनाथ कोविंद का जन्म कानपुर के गांव परौंख में 1 अक्टूबर 1945 को हुआ। उनके पिता एक परचून दुकानदार थे। कोविंद ने आठवीं की कक्षा में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जीवनी पढ़ी थी और तभी से उनके मन में कुछ नया हासिल करने की इच्छा जगी थी।
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पिता से पांच रुपए लेकर रुपए लेकर कानपुर की ओर उनके कदम निकल पड़े। यहां इंटरमीडियट के बाद डीएबी कॉलेज से स्नातक और लॉ की डिग्री ली। इसके बाद सिविल सेवा परीक्षा पास की, एलायड में चयन पर नौकरी छोड़ी।
12 साल तक रहे किराए के घर में
कानपुर में अपनी जिन्दगी के कई साल गुजारने वाले कोविंद को किराए के घर में रहना पड़ा। वह 12 साल तक किराए के घर में रहे।
दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत से की करियर की शुरुआत
दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत से करियर की शुरुआत की। 1977-1979 तक दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे। 1991 में बीजेपी में शामिल हुए, 1994 में राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए।
अगस्त 2015 में बने बिहार के राज्यपाल
2000 में यूपी से फिर राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए और लगातार 12 साल तक राज्यसभा सदस्य रहे। कोविंद बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रह चुके हैं। बीजेपी दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कोली समाज के अध्यक्ष रहे हैं। अगस्त 2015 में बिहार के राज्यपाल पद पर उनकी नियुक्ति हुई।
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