नई दिल्ली: सिख विरोधी दंगों पर प्रस्ताव में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम शामिल करने को लेकर आम आदमी पार्टी में एक बार फिर घमासान शुरू हो गया है। प्रस्ताव में राजीव गांधी को दिए गये भारत रत्न को वापस लेने की मांग की गई है। एक ओर आम आदमी पार्टी इस बात से पल्ला झाड़ रही है और कह रही कि राजीव गांधी से संबंधित ऐसा कोई प्रस्ताव पास ही नहीं हुआ तो दूसरी ओर पूरे मामले को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक करने वाली विधायक अलका लांबा को सजा भी दे रही है।
दरअसल असेंबली में '84 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग वाला एक प्रस्ताव आया। सूत्र बताते हैं कि उसमें 'आप' नेता सोमनाथ भारती ने अपनी तरफ से हाथ से लिख दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाए। इस प्रस्ताव को आम आदमी पार्टी नेता जरनैल सिंह ने असेंबली में पढ़ा और फिर इसके पास होने की घोषणा हो गई। जरनैल सिंह ने विधानसभा से बाहर आकर भी इस बात की तस्दीक की।
आम आदमी पार्टी का बवाल इसी के बाद शुरू हुआ। सबसे पहले केजरीवाल की पार्टी ने प्रस्ताव से पल्ला झाड़ा और दावा किया कि ऐसा कोई प्रस्ताव पास ही नहीं हुआ है। पार्टी ये साबित करने की कोशिश करती रही कि असली प्रस्ताव में राजीव गांधी का नाम ही नहीं था लेकिन चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने सोशल मीडिया पर अपनी पार्टी की पोल खोलकर रख दी।
अलका लांबा ने प्रस्ताव की कॉपी ट्वीट कर दी। अलका ने जो कॉपी ट्वीट की उसमें साफ-साफ राजीव गांधी का नाम लिखा है और उनसे भारत रत्न सम्मान वापस लेने की बात कही गई है। सिर्फ यही नहीं अलका लांबा ने एक और खुलासा किया। अलका ने कहा कि उनसे प्रस्ताव के पक्ष में भाषण देने का दबाव डाला गया लेकिन उन्होंने सदन से वॉकआउट कर दिया।
बवाल बढ़ा तो पूरे मामले में आप के एक और विधायक सोमनाथ भारती का भी पक्ष सामने आया। कहा जा रहा है कि सोमनाथ भारती ने ही जरनैल सिंह के प्रस्ताव में राजीव गांधी वाली लाइन जोड़ी थी। सोमनाथ भारती ने कहा, ‘’मैं ये साफ करता हूं कि मैंने प्रस्ताव में जो संशोधन दिया था उसपर चर्चा ही नहीं हुई, ऐसे में उसके पास होने का सवाल ही नहीं उठता।‘’
राजीव गांधी से संबंधित प्रस्ताव को लेकर आम आदमी पार्टी पूरी तरह घिर गई है। एक ओर सिख वोट है तो दूसरी ओर कांग्रेस के साथ 2019 में गठबंधन। वो ना तो जरनैल सिंह के प्रस्ताव का विरोध कर पा रही है और ना ही खुलकर समर्थन। ऐसे में पूरे विवाद का ठीकरा अलका लांबा पर फोड़ा जा रहा है। वहीं आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने कहा कि आम आदमी पार्टी पूरे मामले में अलका लांबा को बलि का बकरा बना रही है क्योंकि प्रस्ताव पास कराने में अलका लांबा का कोई रोल नहीं है।