लखनऊ: इंडिया टीवी के आप की अदालत कार्यक्रम में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मुझसे कोई कुछ भी मांगे मैं दे दूंगा। अगर मुख्यमंत्री का पद भी मांग ले तो मैं खुशी से दे दूंगा लेकिन मांगने वाला योग्य होना चाहिए। इससे पहले कार्यक्रम में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि परिवार में मेरी वजह से झगड़ा नहीं हो रहा है बल्कि में जिस कुर्सी पर बैठा हूं उसकी वजह से झगड़ा हो रहा है।
अखिलेश ने कहा कि कुछ बातों को लेकर नाराजगी हो सकती है जिसे आपस में मिलकर सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नेता जी का फैसला पार्टी में सभी लोग मानते हैं और उनका फैसला वे हर हाल में मानेंगे क्योंकि नेताजी पार्टी अध्यक्ष होने के साथ उनके पिता भी हैं।
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वहीं शिवपाल यादव से मुलाकात की बात पर अखिलेश ने कहा कि मेरे और चाचा के बीच की बात कोई नहीं जान सकता। उनके और शिवपाल यादव के बीच मुलाकात के बाद किससे वे मिले, किससे उनकी बात हुई यह वे नहीं जानते हैं लेकिन इतना तो जरूर है कि कोई बीच का आदमी रहा होगा। अखिलेश से जब बीच के आदमी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह एक या एक से ज्यादा भी हो सकता है।
अखिलेश से जब यह पूछा गया कि आपको प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया आपको बुरा नहीं लगा। इस सवाल पर अखिलेश ने कहा कि मुझे बुरा लगा और उसका असर आपने देखा होगा। कभी-कभी उम्र की वजह से ऐसा होता है। नेताजी खुश रहें इसलिए और भी फैसले लूंगा। अभी तो एकाध फैसला लिया है आगे देखिए क्या होता है।
अखिलेश से जब यह सवाल पूछा गया कि गायत्री प्रजापति को फिर से मंत्री बनाने का फैसला लिया गया है क्या शिवपाल जी के विभाग भी वापस मिलेंगे? इस सवाल पर अखिलेश ने कहा कि मैं अपनी पार्टी के सीनियर नेताओं से बात कर रास्ता निकालूंगा। मैंने जो खोया उसपर आप बात नहीं कर रहे हैं। अगर पार्टी की परीक्षा है तो मेरी भी है। मैं यह चाहता हूं कम से कम नेता जी जब टिकट दें तो मेरा भी कहना माना जाए।