नई दिल्ली: महाराष्ट्र की राजनीति में रातोंरात आए भूचाल में बीजेपी ने एनसीपी के नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली। इस पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बड़ा बयान सामने आया है। पवार ने ट्वीट कर बीजेपी को समर्थन देने से इनकार किया है। शरद पवार का कहना है कि बीजेपी को समर्थन देना एनसीपी का फैसला नहीं है। अजित पवार के फैसले से एनसीपी का कोई लेना देना नहीं है।
इससे पहले सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार की सहमति से ही बीजेपी एनसीपी का गठबंधन मुकम्ममल हुआ है। फडणवीस और अजित पवार की बातचीत में शरद पवार भी शामिल थे और वो अपने भतीजे अजित पवार को निर्देश दे रहे थे।
बता दें कि 2014 में भी शरद पवार की पार्टी एनसीपी बीजेपी के काम आई थी। 2014 के विधानसभा की स्थिति भी ऐसी ही बनी थी जैसे 2019 की है। उस समय बीजपी को 123, शिवसेना को 63, कांग्रेस को 42 और एनसीपी को 41 सीटें मिली थी। बीजेपी अकेले अपने दम पर सरकार बनाने से 22 सीट दूर रह गई थी।
उस समय, शरद पवार ने बीजेपी को बाहर से समर्थन दिया था। 2014 में बीजेपी के 123 और एनसीपी के 41 विधायकों की मदद से सरकार बनी थी लेकिन कुछ दिनों बाद बीजेपी और शिवसेना के बीच के मतभेद सुलझ गए और शिवसेना ने बीजेपी को समर्थन दिया और सरकार में भी शामिल हुई।