नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में गए दो दिन बीत चुके हैं लेकिन इस पर सियासी बयानबाजी का दौर अब भी जारी है। ताजा बयान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी का आया है। ओवैसी ने हैदराबाद के कार्यक्रम में आरएसएस के दफ्तर जाने पर जमकर प्रणब मुखर्जी पर निशाना साधा। ओवैसी ने सवाल किया कि पचास साल तक कांग्रेसी रहे प्रणब मुखर्जी आखिर संघ के दफ्तर में क्यों गए। पूर्व राष्ट्रपति और 50 वर्षों तक एक धर्म निरपेक्ष पार्टी का हिस्सा रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रणव मुखर्जी ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय जाकर अपना शीश झुकाया है।
ओवैसी ने कहा कि अब लोग कांग्रेस पार्टी से कोई उम्मीद नहीं कर सकते। दरअसल, ओवैसी शुक्रवार को रमजान महीने के आखिरी जुम्मे के मौके पर हैदराबाद की मक्का मस्जिद से एक सभा को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस पार्टी के अलावा इस दौरान उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की सरकार के चार साल में सांप्रदायिक घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है।
ओवैसी ने भाजपा और कांग्रेस को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए लोगों से अपील की कि वे तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के प्रस्तावित वैकल्पिक मोर्चे को अपना समर्थन दें। राव समय की मांग के अनुसार भारतीय राजनीति में गुणात्मक परिवर्तन का आह्वान कर रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि दोनों राष्ट्रीय दल बुरी तरह से असफल रहे हैं और हमें आने वाले चुनावों में क्षेत्रीय दलों को मजबूती प्रदान करनी चाहिए।
प्रणब मुखर्जी के संघ मुख्यालय जाने को लेकर भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने प्रणब मुखर्जी के दौरे को महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक बताया है।