नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे पर अड़े होने की पृष्ठभूमि में शनिवार को कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर नेताओं के इस्तीफा देने के सिलसिले की कड़ी में बिहार प्रदेश कांग्रेस के दो और नेताओं ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान में प्रदेश कॉर्डिनेशन समिति के सदस्य अनिल शर्मा और कार्यकारी अध्यक्ष समीर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव और राजस्थान के सह-प्रभारी तरुण कुमार ने भी शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पद से इस्तीफा दे दिया।
इससे पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कई सचिवों, कई राज्य इकाइयों के पदाधिकारियों और युवा कांग्रेस एवं महिला कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए था अथवा इस्तीफे की पेशकश की थी। युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस के कुछ पदाधिकारियों ने गांधी के समर्थन में इस्तीफा देने को लेकर हस्ताक्षर मुहिम भी शुरू की है। सूत्रों के मुताबिक इस पर कई पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं जिनमें ज्यादातर कनिष्ठ लोग शामिल हैं। दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया भी उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने गांधी के समर्थन में इस्तीफा दिया है।
लिलोठिया ने ''पीटीआई-भाषा'' से कहा, '' मैंने शुरू से ही राहुल गांधी के नेतृत्व में काम किया। मैं जानता हूं कि कांग्रेस पार्टी में उनकी क्या अहमियत है। मेरी और लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं की यह भावना है कि राहुल जी कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें।'' उन्होंने कहा, ''मैंने राहुल जी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए यह कदम उठाया है। इसके बाद से कई नेताओं ने इस्तीफे दिए हैं। आने वाले दिनों में और नेता इस मुहिम से जुड़ेंगे।'' वैसे, इन इस्तीफों को लेकर फिलहाल पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
इससे पहले बृहस्पतिवार रात पार्टी के विधि विभाग के प्रमुख विवेक तन्खा ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि सभी नेताओं को अपने पद छोड़ देने चाहिए ताकि राहुल गांधी अपनी नई टीम बना सकें। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था। इसके बाद से गांधी लगातार इस्तीफे की पेशकश पर अड़े हुए हैं। हालांकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे आग्रह किया है कि वह कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें।