चेन्नई: सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने बुधवार को कहा कि पूर्व श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने संप्रग सरकार के दौरान अपने देश की सेना को भारत की ओर से दी गई मदद के बारे में ‘‘जानकारी’’ का खुलासा किया और उसने मांग की कि भारत में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध की जांच होनी चाहिए। अन्नाद्रमुक के प्रेसीडियम अध्यक्ष ई मधुसूधनन के नेतृत्व में पार्टी के जिला सचिवों की बैठक में और मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी तथा उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम की मौजूदगी में इस मांग के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया गया। (आरक्षण की राजनीति समस्या है, आरक्षण नहीं: भागवत )
हाल ही में की गई राजपक्षे की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए पार्टी ने कहा कि उन्होंने ‘‘द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन की सरकार’’ के समय श्रीलंकाई सेना को दी गई भारतीय मदद की ‘‘जानकारी’’ का खुलासा किया।
बैठक में कहा गया, ‘‘अब राजपक्षे ने इस संबंध में सभी गोपनीय जानकारियों का सार्वजनिक तौर पर खुलासा कर दिया है तो द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन सरकार द्वारा डेढ़ लाख तमिलों की हत्या और हजारों तमिल महिलाओं से बलात्कार में मदद देने को युद्ध अपराध माना जाए और यहां जो भी इसमें शामिल रहा, उसे युद्ध अपराधी माना जाए तथा सजा दी जाए।’’