मुंबई: महाराष्ट्र के अहमदनगर मेयर चुनाव में राकांपा और बसपा के समर्थन से भाजपा प्रत्याशी की जीत के बाद प्रदेश कांग्रेस में बेचैनी है। साथ ही, यही पद्धति राज्य स्तर पर भी दोहराए जाने का अंदेशा जताया जा रहा है। कांग्रेस प्रदेश प्रमुख अशोक चव्हाण देश से बाहर हैं जबकि पार्टी ने घटनाक्रम पर आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। भाजपा के बाबासाहेब वाकले 37 मतों के साथ अहमदनगर के मेयर निर्वाचित हुए।
भाजपा के पास 68 सदस्यीय नगर निकाय में सिर्फ 14 सीटें थी। लेकिन राकांपा के 18, बहुजन समाज पार्टी (BSP) के चार और एक निर्दलीय पार्षद ने उनके पक्ष में मतदान किया। वहीं, शिवसेना 24 सीटों के साथ नगर निकाय में सबसे बड़ी पार्टी है।
कांग्रेस के पांच सदस्य मतदान से अनुपस्थित रहे। कांग्रेस के एक पदाधिकारी कहा कि अहमदनगर महानगरपालिका में राकांपा के कदम को पार्टी के प्रदेश नेतृत्व का आशीर्वाद प्राप्त था। कांग्रेस पदाधिकारी ने कहा, ‘‘जब तक पार्टी (राकांपा) स्थानीय नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है, तब तक उसकी विश्वसनीयता संदिग्ध रहेगी।’’ उन्होंने कहा कि यही पद्धति राज्य स्तर पर भी दोहराई जा सकती है।
इस बीच, राकांपा के प्रदेश इकाई प्रमुख जयंत पाटिल ने कहा कि भाजपा के साथ जाने का स्थानीय नेताओं का फैसला अस्वीकार्य है।