नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नये कृषि कानूनों को किसान विरोधी और आम आदमी विरोधी करार देते हुए सोमवार को कहा कि इनसे बेतहाशा महंगाई बढ़ेगी और इससे केवल कुछ पूंजीपतियों को फायदा होगा। प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी के दफ्तर में एक दिन के अनशन में शामिल हुए केजरीवाल ने कहा कि नये कृषि कानून महंगाई को लाइसेंस देने वाले हैं। किसान नेताओं ने सोमवार को केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ एक दिन की भूख हड़ताल की और कहा कि बाद में शाम को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन होंगे।
केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह कानून कहता है कि लोग जितना चाहें, जमाखोरी कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पार्टियों से किसानों के मुद्दे पर गंदी राजनीति नहीं करने की अपील करता हूं। ये कानून किसान विरोधी और आम आदमी विरोधी हैं और कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए हैं। इन कानूनों से जमाखोरी के जरिये बहुत महंगाई बढ़ेगी।’’ केजरीवाल ने कहा कि इन कानूनों की वजह से गेहूं आने वाले सालों में चार गुना महंगा हो जाएगा।
वहीं किसानों के समर्थन में उपवास रखने को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने केजरीवाल पर निशाना साधा। जावड़ेकर ने केजरीवाल के उपवास के ऐलान को पाखंड बताते हुए कहा कि उन्होंने खुद नवंबर में ही एक कृषि कानून को दिल्ली में अधिसूचित किया था, ऐसे में वो विरोध कैसे कर रहे हैं।
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'अरविंद केजरीवाल जी, ये आपका पाखण्ड है. आपने पंजाब विधानसभा चुनावों में वादा किया था कि जीतने पर APMC कानून में संशोधन किया जाएगा। नवंबर 2020 में आपने दिल्ली में कृषि कानूनों को अधिसूचित भी किया और आज आप उपवास का ढोंग कर रहे हो। यह कुछ और नही बल्कि पाखण्ड ही है।'
केजरीवाल के इस उपवास को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी नौटंकी बताया और कहा कि केजरीवाल सरकार ने 23 नवंबर को कृषि कानूनों में से एक को बेशर्मी से अधिसूचित कर किसानों की पीठ में छुरा भोंका है। इस पूरे आंदोलन के दौरान केजरीवाल और सिंह की आपस में तनातनी चल रही है। जहां केजरीवाल, पंजाब सीएम पर केंद्र के साथ मिल जाने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं, सिंह का कहना है कि केजरीवाल किसानों के आंदोलन का राजनीतिक फायदा उठा रहे हैं।