चेन्नई: जयललिता की पूरी जिंदगी एक ऐसी मिस्ट्री रही जिसपर पड़ा राज का पर्दा उनकी मौत के बाद भी नहीं उठा है। लेकिन उनकी जिंदगी से जुड़े सारे राज़ सारे रहस्य सारे जवाब अगर कोई एक शख्स जानात है तो वो है 29 बरस से उनके साथ साये की तरह रहने वाली शशिकला। जयललिता की बीमारी से लेकर उनके आखिरी सफर तक में एक चेहरा ऐसा था जो हर जगह मौजूद था और वो चेहरा थीं शशिकला।
(देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें)
अम्मा की विरासत की हक़ीक़त क्या है?
वक्त के साथ ये साफ हो जाएगा कि अम्मा के बाद तमिलनाडु की सियासत में शशिकला का सिक्का कितना चलता है, लेकिन फिलहाल जयललिता से जुड़े फैसलों में सबसे ज्यादा अगर किसी की चल रही है तो वो शशिकला ही हैं। बीमारी से लेकर निधन तक और फिर अंतिम दर्शन से लेकर अंतिम संस्कार तक यदि जयललिता के सबसे करीब कोई था तो वो शशिकला थीं। शशिकला ही ये भी तय कर रहीं थी कि कौन-कौन इस रस्म में शामिल होगा...ये बताता है कि अम्मा के बाद शशिकला की हैसियत क्या है। जयलिलता के आखिरी वक्त में भी सिर्फ शशिकला ही उनके आसपास थीं, उनका अपना कोई रिश्तेदार वहां नहीं था। आखिर क्यों जयललिता के बाकी रिश्ते इस दोस्ती के आगे फीके पड़ गए।
Also read:
- जयललिता के करीबी चो रामास्वामी का निधन, मोदी को कहा था 'मौत का सौदागर'
- आखिर क्यों दाह संस्कार की जगह दफनाई गईं जयललिता, जानिए वजह
- आखिर क्यों खुदकुशी करना चाहती थीं जयललिता
जयललिता जब दो साल की थी तभी पिता की मौत हो गयी थी, तबसे मां संध्या पर ही जयललिता और उनके भाई जयकुमार की जिम्मेदारी थी। बड़े होने पर जयललिता ने शादी नहीं करने फैसला किया जबकि जयकुमार के दो बच्चे हुए.. दीपा और दीपक। 1995 में जयकुमार की एक हादसे में मौत हो गयी। तब आखिरी बार था जब जयललिलात ने दीपा और दीपक से मुलाकात की थी।
क्यों अपने रिश्तेदारों से दूर रहीं जयललिता?
सितंबर के महीने में जब जयललिता बीमार पड़ी तब से दीपा ने कई बार उनसे मिलने की कोशिश की लेकिन उसे अम्मा तक पहुंचने नहीं दिया गया। कहा गया था कि जयललिता दीपा से मिलना नहीं चाहतीं, लेकिन अस्पताल के बिस्तर से आए फैसलों का सच क्या है ये कोई नहीं जानता। आखिरी वक्त में भी दीपा को अम्मा के पार्थिव शरीर के पास आ कर श्रद्धांजलि देने का मौका तो जरूर मिला, लेकिन अम्मा की सबसे करीबी रिश्तेदार को भी मंच से उतर कर उसी कतार में बैठना पड़ा जहां जयललिता को अपना रहनुमा मानने वालों की पूरी जमात बैठी थी। यानी इस दूरी ने रिश्तों की हैसियत भी तय कर दी थी। इसके बाद मरीना बीच पर जब आखिरी रस्मअदायगी हुई तो दीपा कहीं नजर नहीं आयीं।
जयललिता के आखिरी सफर में रिश्तों की एक मिस्ट्री और सामने थी। शशिकला ने दीपा को तो जयललिता से दूर ही रखा, लेकिन दीपा का भाई दीपक हर वक्त शशिकला के साथ था। शशिकला के साथ-साथ दीपक ने ही आखिरी रस्मअदायगी भी की। जयललिता की जिंदगी में भी उनके तमाम रिश्ते शशिकला से हो कर ही गुजरते थे। अब उनके निधन के बाद भी शशिकला ने ये साबित कर दिया है कि अम्मा से नाम तो उसी का जुड़ेगा जिसे वो चाहेंगी।
आगे की स्लाइड में पढ़िए जयललिता और शशिकला की दोस्ती का राज़ क्या है?