नई दिल्ली: 2014 से शुरू हुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजय रथ 2017 में भी बरक़रार है और अब भाजपा के सामने अगला टारगेट भी आ गया है। भाजपा के मुताबिक 2019 के आम चुनाव से पहले बड़ी चुनौती है 2018 की जब आठ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी एक बार फिर मोदी के विकास मंत्र के भरोसे मैदान जीतने के इरादे से उतरेगी। जब गुजरात और हिमाचल में सिर्फ़ रूझान ही आए थे तब सियासत के बाहुबली बन चुके प्रधानमंत्री मोदी ने विक्ट्री साइन दिखाया था क्योंकि उन्हें यक़ीन था कि जीत उनकी ही होगी।
गुजरात में जीत का सिक्सर लगाने और हिमाचल में कमल खिलाने के बाद भाजपा ने 2017 का अग्निपथ तो पार कर लिया है लेकिन पार्टी का अब टारगेट है 2019 और उससे पहले भी 2018। 2018 में जिन 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक जैसे बड़े राज्य भी हैं और मिजोरम, मेघालय जैसे राज्य भी जहां भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत के सपने के साथ कदम रखेगी।
अब भाजपा के सामने 2018 में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता कायम रखने की चुनौती है तो कर्नाटक में कांग्रेस को साफ करने की परीक्षा भी। सिर्फ़ इतना ही नहीं 2019 से पहले 2018 में नागालैंड में भी चुनाव होना है जहां भाजपा की गठबंधन सरकार है। त्रिपुरा में सीपीएम के गढ़ में ख़ुद को साबित करने की चुनौती है तो कांग्रेस के शासन वाले मेघालय और मिजोरम में भी महारथ हासिल करना है।
हालांकि ख़ुद पीएम मोदी इस बात के संकेत दे चुके हैं कि उनका अगला निशाना 2018 ही है तभी तो गुजरात में वोटिंग के अगले ही दिन पीएम ने मिजोरम में रैली करके बता दिया कि ध्यान तो गुजरात पर है लेकिन नज़र है मिजोरम और मेघालय पर। ज़ाहिर है सत्ता की रेस में अव्वल चल रही भाजपा और पीएम मोदी का आराम करने का फिलहाल कोई मूड नहीं है।