नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) विधायक और प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने पार्टी की साथी विधायक अलका लांबा को ट्विटर पर कांग्रेस में शामिल होने की चुनौती दी है। कांग्रेस द्वारा मंगलवार को जारी किए गए घोषणापत्र पर चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा के प्रतिक्रिया देने के बाद ट्विटर पर दोनों विधायकों के बीच यह जंग शुरू हुई।
उन्होंने हिंदी में ट्वीट करते हुए कहा कि प्रत्येक पार्टी का अपना घोषणापत्र होता है और कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात की है, लेकिन दिल्ली के लिए ऐसा नहीं कहा।
उन्होंने सवाल किया, "यह साफ है कि कांग्रेस के लिए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देना मुद्दा नहीं है। वहीं दूसरी तरफ आप इसे अपना मुख्य मुद्दा बना रही है। गठबंधन कैसे होगा?"
दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की अटकलें लंबे समय से चल रही हैं। आप ने दिल्ली में अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं और कहा है कि वह अपने उम्मीदवारों के साथ चुनाव मैदान में आगे बढ़ेगी और किसी गठबंधन का इंतजार नहीं करेगी।
अलका के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए ग्रेटर कैलाश के विधायक भारद्वाज ने पूछा कि वे क्या चाहती हैं, "पूर्ण राज्य या..?" इस पर अलका ने कहा कि वे क्या चाहती हैं इससे फर्क नहीं पड़ता, इसका फैसला जनता करेगी।
ट्विटर पर एक-दूसरे पर हमला करने के दौरान लांबा ने भारद्वाज पर उन्हें उकसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता हूं और वे पार्टी के नेता और प्रवक्ता हैं। एक प्रवक्ता के तौर पर वे क्या संदेश देना चाहते हैं? वे सोशल मीडिया पर ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं।"
भारद्वाज ने प्रतिक्रिया में उन्हें हिम्मत दिखाने और कांग्रेस में शामिल होने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, "थोड़ी हिम्मत दिखाओ, कल कांग्रेस में शामिल हो जाओ। है दम?" उन्होंने कहा, "कुछ लोग पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं, लेकिन वह इतनी आसानी से नहीं जाने वाली हैं।"
लांबा ने कहा कि वे एक लाइव सर्वेक्षण के लिए बुधवार को जामा मस्जिद में एक जनसभा आयोजित करेंगी। भारद्वाज ने इसके बाद आप संयोजक का एक पत्र ट्वीट किया जिसमें अलका ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने कहा, "लोगों से पूछो कि क्या मुझे कांग्रेस में जाना चाहिए। अगर लोग राजी हों तो केवल इस पर हस्ताक्षर कर देना और आपका भाई सब संभाल लेगा। अगर जनता मना करती है तो अनुशासन में रहना।" लांबा ने भी भारद्वाज को जनसभा और सर्वेक्षण के लिए आमंत्रित किया।