नई दिल्ली: 20 विधायकों को चुनाव आयोग द्वारा ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में अयोग्य घोषित करने के बाद अब आम आदमी पार्टी अब दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची है। आम आदमी पार्टी के करीब बीस विधायकों पर ऑफिस ऑफ प्रोफिट का आरोप है। मुख्य चुनाव आयुक्त दीपक जोती का कार्यकाल 22 जनवरी को समाप्त हो रहा है उसके पहले चुनाव आयोग इस मामले में फैसला लेना चाहता था। चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता खत्म करने की सिफारिश कर दी है।
चुनाव आयोग ने आप के 20 विधायकों को अयोग्य बताया है। आप ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों के सहयोग के लिए 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया था। 13 मार्च 2015 को अरविंद केजरीवाल सरकार ने आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को ससंदीय सचिव नियुक्त किया था।दिल्ली सरकार ने 23 जून 2015 को ऑफिस प्रॉफिट बिल से जुड़ा अमेंडमेंट विधानसभा में पारित करा लिया। लेकिन जब यह मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास पहुंचा तो तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसे खारिज कर दिया।
इस बीच आप के नेता सौरभ भारद्वाज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किसी भी विधायक ने संसदीय सचिव के तौर पर सैलरी, भत्ता, गा़ड़ी या बंगला जैसी सुविधाएं नहीं ली। इसलिए यह कहना गलत है कि इन लोगों ने संसदीय पद पर रहते हुए कोई लाभ लिया।