कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान को अपना समर्थन देते हुए आज कहा कि वह जो महसूस करते हैं, उसे कहना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। ममता ने कहा कि किसी को भी यह अधिकार नहीं कि वह किसी को यह देश छोड़ने के लिए कहे, क्योंकि यह देश सभी का है।
कोई किसी को देश छोड़कर जाने को नहीं कह सकता
ममता ने कहा, किसी को भी किसी से यह देश छोड़ने या पाकिस्तान जाने के लिए कहने का अधिकार नहीं है। हम सभी इस देश भारत के नागरिक हैं। उन्होंने इसके साथ ही हिंदुत्व समूहों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि किसी को भी केवल गोमांस खाने के लिए किसी की हत्या करने का अधिकार नहीं है।
क्या दूसरे लोग फैसला करेंगे कि हम क्या बोलें, क्या नहीं
उन्होंने अल्पसंख्यकों की एक रैली को संबोधित करते हुए सवाल किया, क्या कोई भी इस देश में उनके खिलाफ कुछ भी नहीं कह सकता। क्या वे इसका निर्णय करेंगे कि हम क्या कहेंगे या नहीं? आमिर ने वह कहा है जो वह महसूस करते हैं और जो उनकी पत्नी ने उनसे कहा, उन्होंने केवल वही कहा। उन्हें यह देश छोड़ने के लिए कहा जा रहा है। आप किसी को भी यह देश छोड़ने के लिए कहने वाले कौन होते हैं? यह देश सभी का है। यह हमारी मातृभूमि है।
आमिर खान के असहिष्णुता के बयान के बाद आई है ममता की टिप्पणी
ममता की यह टिप्पणी आमिर खान की ओर से हाल में की गई उस टिप्पणी की देशव्यापी आलोचना की पृष्ठभूमि में आयी है जिसमें उन्होंने पिछले छह से आठ महीनों में असहिष्णुता की घटनाओं में वृद्धि को लेकर खतरा एवं निराशा जतायी थी। आमिर ने कुछ दिन पहले इंडियन एक्सप्रेस की ओर से पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार कार्यक्रम में कहा था, किरण (उनकी पत्नी) और मैंने अपना पूरा जीवन भारत में बिताया है। पहली बार उन्होंने मुझसे कहा, क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए...उन्हें अपने बच्चे के लिए भय है, उन्हें हमारे आसपास माहौल को लेकर भय है कि वह कैसा होगा।
ममता ने शाहरुख खान का भी किया समर्थन
ममता ने असहिष्णुता पर शाहरूख खान के बयान की आलोचनाओं की भी निंदा की। ममता ने सवाल किया, उन्होंने आमिर की आलोचना की। उन्होंने शाहरूख की भी आलोचना की थी। उन्होंने ए आर रहमान की भी आलोचना की। वे यह कहने वाले कौन होते हैं कि हम क्या कहेंगे और हम क्या खायेंगे? किसी को भी किसी की इसलिए हत्या करने का अधिकार नहीं कि उसने गोमांस खाया।
ममता ने कहा, देश के समझ सवाल है कि हम सहिष्णु रहें या असहिष्णु
उन्होंने कहा, देश के समक्ष सवाल है कि हम सहिष्णु होंगे या असहिष्णु। भारत के संविधान ने इस देश के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्रदान किये हैं। हमैं धर्म को आतंकवाद से नहीं जोड़ना चाहिए। आतंकवाद का कोई धर्म, जाति या पंथ नहीं होता। आतंकवादी आतंकवादी होते हैं, अपराधी अपराधी होते हैं।