Highlights
- अरविंद केजरीवाल ने फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिये जाने की मांग की।
- केजरीवाल ने कहा, लोकसभा में बहुमत होने के कारण कृषि कानून अहंकार में पारित कराया गया।
- केजरीवाल ने विधानसभा में कहा- हम किसानों की लंबित मांग का समर्थन करते हैं, और हम किसानों के साथ हैं।
नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को किसानों को उनकी आंदोलन की सफलता के लिये बधाई देते हुये कहा कि उनकी जीत, लोकतंत्र की जीत है और आम आदमी पार्टी की सरकार उनकी मांगों का समर्थन करती है। दिल्ली विधानसभा ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पास कर तीन कृषि कानूनों को वापस लेने, आंदोलन के दौरान दिवंगत हुए 700 किसानों के परिवारों को मुआवजा देने तथा फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिये जाने की मांग की।
‘किसानों की जीत लोकतंत्र की जीत है’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में घोषणा की थी कि जिन 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं, उन्हें वापस लिया जायेगा। सदन में प्रस्ताव पर एक चर्चा का जवाब देते हुये केजरीवाल ने विधानसभा में कहा, ‘किसानों की जीत लोकतंत्र की जीत है। हम किसानों की लंबित मांग का समर्थन करते हैं, और हम किसानों के साथ हैं।’ विधानसभा में यह प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लोकसभा में बहुमत होने के कारण ‘अहंकार’ में तीनों कृषि कानून पारित किया था।
‘किसानों की सफलता पर उन्हें बधाई देता हूं’
केजरीवाल ने कहा, ‘लोकसभा में बहुमत होने के कारण कृषि कानून अहंकार में पारित कराया गया। मैं किसानों की सफलता पर उन्हें बधाई देता हूं। देश के लोगों, महिलाओं, युवाओं एवं व्यापारियों के हित में जो कुछ भी होगा, उसका समर्थन करता हूं। मैं विशेष रूप से पंजाब के किसानों को बधाई देता हूं।’ विधानसभा में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से पारित 3 कृषि कानून सामान्य तौर पर किसानों एवं जनता के हित के खिलाफ था और मुट्ठी भर व्यापारिक घरानों के पक्ष में बनाया गया था।
‘भारी दबाव के बावजूद स्टेडियमों को जेल नहीं बनने दिया’
केजरीवाल ने कहा कि किसानों को सफलता प्राप्त करने के लिये कोविड, खराब मौसम और डेंगू जैसी परिस्थितियों से गुजरना पड़ा। केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने भारी दबाव के बावजूद स्टेडियमों को जेल में तब्दील नहीं होने दिया। प्रस्ताव में लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को पद से हटाने और उन्हें गिरफ्तार किये जाने की मांग की गयी है।