बनारस में स्थित BHU में पढ़ने वाली छात्राओं से छेड़ख़ानी के साथ ही गंदे भद्दे कमेंट्स करना कैंपस का हिस्सा बन चुका है। छात्राएं अब इसे कैंपस की संस्कृति का हिस्सा ही मान बैठी हैं और इसे चुपचाप सहन कर लेती हैं। लेकिन गुरुवार को जब लड़कियों ने इस छेड़ख़ानी के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की तो पूरे देश में वबाल मच गया।
दरअसल BHU कैंपस में लड़कियों के साथ छेड़खानी के लिए मनचलो ने बकायदा एक नाम भी बना लिया है। वे इसे ‘लंकेटिंग’ कहते हैं। ‘लंकेटिंग’ शब्द BHU के सिंह द्वार गेट के पास स्थित लंका बाज़ार के नाम पर बना है। BHU कैंपस के आसपास घुमने वाले गुंडे, मनचले लड़कियों को तंग और परेशान करने के लिए ‘लंकेटिंग’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं।
लंका बाजार में कैफे, खाने-पीने और कपड़े की दुकाने हैं। इन्ही इलाकों में बाइक पर सवार हो कर कुछ मनचले छात्राओं और महिलाओं का पीछा करते है, उन पर अश्लील कमेंट्स करते है। BHU के एक मात्र वूमेंस कॉलेज महिला महाविद्यालय के आस पास भी ऐसे सड़क छाप मजनुओं की भरमार है। इन घटनाओं की वजह से इस इलाके में अक्सर झगड़े और मार पीट होते रहते हैं। नाम ना बताने की शर्त पर एक छात्रा ने कहा कि “जब भी हम इस बाजार की ओर से जाते हैं तो हम ग्रुप बनाकर ही निकलते हैं या फिर अपने साथ किसी लड़के को जाने के लिए कहते हैं। इन इलाकों में छेड़खानी हर वक्त चलती रहती है|”
कुछ छात्राओं का कहना है कि वे ऐसी घटनाओं को अक्सर बर्दाश्त कर जाती या फिर नज़रअंदाज कर देती हैं, क्योंकि इन घटनाओ की रिपोर्ट करने पर उन्हे उलटा बदनामी का ख़तरा रहता है हालांकि कुछ स्टूडेंट्स का कहना है कि ‘लंकेटिंग शब्द’ को छेड़खानी से जोड़कर इलाके को बदनाम किया जा रहा है।
छात्र-छात्राओं का कहना है कि ‘लंकेटिंग’ का मतलब चाय-नाश्ता करना और घुमने फिरने को कहा जाता है। इस शब्द को छेड़खानी से जोड़ना गलत है।