Monday, December 23, 2024
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फर्जी प्रमाणपत्र पर 5 सांसद लोकसभा के लिए चुने गये, मांझी का सनसनीखेज दावा

मांझी ने दावा किया कि नौकरियों और स्थानीय निकाय चुनावों में कोटा का 15 से 20 प्रतिशत फायदा फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के आधार पर अन्य लोग उठा लेते हैं। हम अध्यक्ष ने पार्टी की सभी संगठनात्मक इकाइयों को भंग करने की घोषणा की और कहा कि जल्द ही उनका पुनर्गठन होगा।

Reported by: Bhasha
Published : October 20, 2021 22:30 IST
5 MPs elected on forged caste certificates, claims Jitan Ram Manjhi
Image Source : PTI जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया कि एक केंद्रीय मंत्री सहित पांच सांसद फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर निर्वाचित हुए हैं। 

नयी दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी जीतन राम मांझी ने बुधवार को आरोप लगाया कि एक केंद्रीय मंत्री सहित पांच सांसद अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित सीटों से फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग की है। अपनी पार्टी, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) की यहां राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए मांझी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर में शांति स्थापित करने की कोशिश कर रही होगी, लेकिन परिणाम दिख नहीं रहे हैं। 

जीतन राम मांझी ने आतंकवादियों द्वारा गरीब प्रवासियों की वहां हत्या किये जाने पर रोष प्रकट किया, जिनमें कुछ बिहार से भी हैं। पौराणिक ग्रंथ रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि को देश के श्रद्धांजलि अर्पित करने के बीच दलित नेता अपनी इस विवादास्पद टिप्पणी पर अडिग रहे कि भगवान राम एक काल्पनिक पात्र थे और कहा कि संत, राम से हजारों गुना बड़े थे। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा व्यक्तिगत विचार है और मैं किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहता।’’

पार्टी की बैठक में मांझी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री एस पी सिंह बघेल और जे शिवाचार्य महास्वामीजी (दोनों भाजपा सांसद) , कांग्रेस के सांसद मोहम्मद सादिक, तणमूल कांग्रेस की अपरूपा पोद्दार और निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर चुनाव लड़ने के बाद एससी के लिए आरक्षित सीटों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हालांकि, मांझी के आरोपों पर इन सांसदों की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उनमें से ज्यादातर ने अतीत में इन आरोपों को खारिज कर दिया है।

बघेल के सहयोगियों ने कहा कि उनकी जाति उत्तर प्रदेश में एससी के तौर पर अधिसूचित है, जहां से वह निर्वाचित हुए। उल्लेखनीय है कि बंबई उच्च न्यायालय ने राणा के जाति प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया था लेकिन उन्हें उच्चतम न्यायालय से राहत मिल गई, जिसने जून में उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी थी। 

मांझी ने दावा किया कि नौकरियों और स्थानीय निकाय चुनावों में कोटा का 15 से 20 प्रतिशत फायदा फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के आधार पर अन्य लोग उठा लेते हैं। हम अध्यक्ष ने पार्टी की सभी संगठनात्मक इकाइयों को भंग करने की घोषणा की और कहा कि जल्द ही उनका पुनर्गठन होगा। उन्होंने हर किसी के लिए एक साझा स्कूलिंग प्रणाली और दलितों के लिए अलग मतदाता सूची की मांग की।

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