आज़म ख़ान की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जव्वाद ने आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। इंडिया टीवी के पास भी वो रिपोर्ट में है, जिसमें कहा गया है कि सिर्फ एक शहर में नहीं, कई शहरों में वक्फ बोर्ड की ज़मीनों की ख़रीद-फ़रोख़्त में पांच सौ करोड़ का घोटाला हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार आज़म ख़ान की देखरेख में हर शहर में वक्फ बोर्ड में जबरदस्त बंदरबांट हुई है।
इंडिया टीवी के पास जो 36 पन्नों का दस्तावेज है, उसके मुताबिक़ आज़म ख़ान जब तक यूपी के मंत्री रहे तब तक उन्होने नियम और कानून की धज्जियां उड़ाईं और अब ख़ुद को बेक़सूर बताने में जुट गए हैं।
रिपोर्ट में आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ वक्फ बोर्ड की जमीन के दुरुपयोग की बात लिखी है। इसमें लिखा है कि आज़म ख़ान ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए शिया वक्फ बोर्ड को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया। खुद रामपुर में वक्फ बोर्ड की ज़मीन के ग़लत इस्तेमाल का मामला आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ सामने आया है।
ये हैं रिपोर्ट में आज़म ख़ान पर संगीन आरोप
1. रामपुर में 1.5 एकड़ में वक्फ की ज़मीन पर बनी सराय, मुसाफिर खाना, दुकानें तुड़वा दीं
2. आज़म के करीबी और शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने 30 लाख रुपए वसूले थे
3. बरेली में वक्फ बोर्ड की 25 एकड़ से ज्यादा की जमीन की प्लॉटिंग की गई
4. बरेली वक्फ की दो दुकानों को मार्केट रेट से काफी कम दाम में बेचा गया
5. दो दुकानों को 1 करोड़ 20 लाख की जगह सिर्फ 5 लाख में बेचा गया
6. बरेली में एक दूसरी जगह 105 एकड़ जमीन की गैरकानूनी तरीके से प्लॉटिंग की गई
7. 1 करोड़ 20 लाख की कीमत वाली 2 दुकानों को सिर्फ 5 लाख में बेचा गया
8. बरेली के हुमा मार्केट में 42 दुकानों के किराये में घपला
9. मुनव्वर बाग मार्केट में 450 पेड़ों को काटकर साथियों को बेचा
10. इलाहाबाद के शाहेनशीं इमामबाड़ा को ध्वस्त करके 200 साल पुराने पोर्चों को खत्म किया
36 पन्ने की इस जांच रिपोर्ट में कहा गय़ा है कि यूपी में शिया वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टीज पर गैरकानूनी तरीके से कब्ज़े कराए गए, खरीद फरोख्त की गई। ये काम उन्हीं लोगों ने किया जिन पर वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टीज की हिफ़ाज़त की ज़िम्मेदारी थी। अब ये जांच रिपोर्ट केन्द्र सरकार के माइनॉरिटी अफेयर्स मिनिस्टर को सौंपी जाएगी ।
कम से कम तीन मामलों में सीधे तौर पर आज़म के खिलाफ जांच की बात कही गई है और FIR दर्ज कराने की सिफारिश भी की गई है लेकिन पांच साल तक कुछ नहीं हुआ है।