नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्यसभा में बताया कि भारत सरकार ने 1573 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्यक्रम तय किया है और उसमें से 316 ऑक्सीजन प्लांट लग चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अगस्त अंत तक सारे ऑक्सीजन प्लांट लग जाएंगे। वहीं 4.04 करोड़ ऑक्सीजन सिलेंडर देने के लिए काम शुरू किया गया है जिसमें से 1.14 लाख सिलेंडर राज्यों को पहुंचाया जा चुका है। मनसुख मंडाविया ने राज्यसभा में कहा, "राज्यों को 56000 वेंटिलेटर भारत सरकार ने दिए हैं। संकट के समय में कई राज्यों की तरफ से कहा गया कि वेंटीलेटर चल नहीं रहा है। डेड़ साल पहले आपको भेजा था एक बार खोलकर तो देख लेते।"
उन्होंने यह भी बताया कि देश की दो वैक्सीन निर्माता कंपनियां बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन का परीक्षण कर रही हैं और उम्मीद जतायी कि इन परीक्षणों के सफल होने पर बच्चों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। मंडाविया ने साथ में यह आश्वसन भी दिया कि कोरोना वायरस महामारी की पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों को देखते हुए बच्चों को लेकर अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। फिर भी सरकार इस मामले में पूरी तैयारिया कर रही है।
मंडाविया ने मंगलवार को राज्यसभा में कोविड-19 को लेकर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि लोग कह रहे हैं कि कोविड-19 की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की दो कंपनियां इस दिशा में काम कर रही है। जायडस कैडिला ने इसे लेकर परीक्षण शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि भारत बायोटैक कंपनी ने भी यह परीक्षण शुरू कर दिया है।
मंडाविया ने देश में कोविड-19 महामारी का प्रबंधन, वैक्सीनेशन का कार्यान्वयन और संभावित तीसरी लहर को देखते हुए नीति और चुनौतियां विषय पर उच्च सदन में हुई अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘‘कोविड महामारी के चर्चा में ज्यादातर सदस्यों ने, जो अच्छा हुआ उसका श्रेय अपने राज्य की सरकार को दिया लेकिन अगर अच्छा नहीं हुआ तो उसके लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किया। सरकार में सबकी मिली-जुली जिम्मेदारी होती है।’’
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