नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। 25 दिन तक चलने वाले इस सेशन में मोदी सरकार ट्रिपल तलाक़ सहित कई अहम मुद्दों पर विधेयक पारित कराने की कोशिश करेगी। आज ट्रिपल तलाक पर बनने वाला कानून पहली बार मोदी कैबिनेट के सामने आएगा। वैसे सत्र के पहले दिन लोकसभा में कामकाज नहीं होगा। अलवर से भाजपा सांसद महंत चांदनाथ, उलुबेरिया से टीएमसी सांसद सुल्तान अहमद और अररिया से आरजेडी सांसद तसलीमुद्दीन को श्रद्धांजलि देकर सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाएगी।
दोपहर 1 बजे कैबिनेट की एक अहम बैठक होगी जिसमें ट्रिपल तलाक़ पर सख्त कानून सहित 14 प्रस्तावों पर मुहर लगनी है। ट्रिपल तलाक़ विधेयक में एक बार में तीन तलाक कहने या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से तलाक़ देने वाले पति को तीन साल की क़ैद का प्रावधान होगा। सरकार ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक को लाएगी। ये कानून सिर्फ तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर ही लागू होगा। इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा।
इसके बाद से किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक वह चाहे मौखिक हो, लिखित या मैसेज में, वह अवैध होगा। जो भी तीन तलाक देगा, उसको तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। यानि तीन तलाक देना गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध होगा। इसमें मजिस्ट्रेट तय करेगा कि कितना जुर्माना होगा।
शीतकालीन सत्र में सरकार करीब 25 नए और 14 पुराने विधेयक पेश कर सकती है। तीन तलाक़ के अलावा जीएसटी पर अध्यादेश की जगह विधेयक, पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने वाला विधेयक, नागरिकता संशोधन विधेयक 2016, मोटरवाहन संशोधन विधेयक 2016 और ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिकार संरक्षण विधेयक भी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।