नई दिल्ली। कर्नाटक में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। 2 निर्दलीय विधायकों एच नागेश और आर शंकर ने राज्य सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। दोनों ने राज्यपाल को समर्थन वापस लेने का पत्र लिखा है। हालांकि अभी सरकार को खतरा नहीं है लेकिन 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में अब राज्य सरकार के पास 117 विधायक ही बचे हैं, 116 विधायक कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर गठबंधन के हैं जबकि 1 विधायक बसपा का है।
कांग्रेस-जेडीएस सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद निर्दलीय विधायक एच नागेश ने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस स्थिर सरकार देने में नाकाम रहे हैं, इसलिए उन्होंने भाजपा के साथ जाने का मन बनाया है। दूसरे विधायक आर शंकर ने कहा कि मकर संक्रांति के दिन वे सरकार में बदलाव चाहते हैं, राज्य में एक समर्थ सरकार होनी चाहिए और इसलिए वे मौजूदा सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं।
इधर भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक के अपने सभी 104 विधायकों को दिल्ली में रोका हुआ है, दिल्ली से सटे गुरुग्राम के एक पांच सितारा होटल में सभी विधायकों को ठहराया गया है। सोमवार को इस तरह की खबरें आईं थी कि कांग्रेस के कुछ विधायक भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में हैं।
इससे पहले कर्नाटक के लिए कांग्रेस के प्रभारी के सी वेणुगोपाल सोमवार रात को बंगलुरू पहंचे और उन्होंने आज पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया तथा अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ कृपा गेस्ट हाउस में मुलाकात की। कर्नाटक के वक्फ बोर्ड मंत्री जमीर अहमद खान ने कहा कि उनकी सरकार सुरक्षित है, हालांकि उन्होंने माना कि कांग्रेस के 3-4 विधायक मुंबई में हैं। ऐसी खबरें आ रही हैं कि कांग्रेस के कुछ विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। हालांकि मंत्री अहमद खान ने कहा कि उनके विधायक मंगलवार शाम या बुधवार सुबह तक वापस आ जाएंगे। मंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा के 4-5 विधायक भी उनके संपर्क में हैं और अगर भाजपा सरकार गिराने की कोशिश करती है तो वे भी पीछे नहीं हटेंगे।