अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने आसन के समक्ष सरकार विरोधी नारेबाजी करने और वहीं बैठ जाने पर आज करीब 15 कांग्रेस विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया। उनके अलावा एक अन्य कांग्रेस विधायक को दो दिन के लिए निलंबित किया गया है। एक दिन के लिए सदन से निलंबित विधायकों की सही संख्या तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाई है। निलंबन और बाहर निकाले जाने के बाद कांग्रेस के करीब 50 विधायक विधानसभा से बहिर्गमन कर गए।
दरअसल प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक विमल चूड़ासमा ने भाजपा सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर लगाये जा रहे मूल्य वर्धित कर (वैट) के बारे में ब्योरा मांगा। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या सरकार की लोगों को राहत देने के वास्ते ईंधन पर कर घटाने की भी कोई योजना है।
अपने जवाब में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि सरकार ईंधन पर 20 फीसद वैट लगाती है। उन्होंने फिर गुजरात की तुलना पंजाब और कर्नाटक जैसे कांग्रेस शासित राज्यों से की और दावा किया कि ये राज्य 28 और 30 फीसद वैट लगाते हैं जो गुजरात से काफी अधिक है।
इससे गुस्साए विपक्ष के नेता परेश धनानी ने पटेल से गुजरात तक ही सीमित रहने और उस पर चर्चा करने को कहा। जब अध्यक्ष ने उन्हें और टिप्पणी करने से रोक दिया तब सभी कांग्रेस विधायक भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। करीब 15 कांग्रेस विधायक आसन के समक्ष बैठ गए। अध्यक्ष ने पहले उन्हें एक दिन के लिए निलंबित किया और फिर उन्हें सदन से बाहर निकालने के लिए मार्शल बुलाए।
विधायक जब सदन से बाहर आ रहे थे, उसी दौरान अध्यक्ष तिवारी ने कांग्रेस विधायक आशा पटेल की नारेबाजी पर कड़ा संज्ञान लिया। उन्होंने ‘‘भाजपा गुंडा’’ शब्दों को अपमानजनक करार दिया और उन्हें दो दिन के लिए निलंबित कर दिया।
विधानसभा से बाहर आने के बाद कांग्रेस विधायक करीब एक घंटे तक अध्यक्ष के चैम्बर के बाहर बैठे रहे और उनके खिलाफ नारेबाजी की।