Highlights
- निलंबित होने वाले सांसदों में 6 सांसद कांग्रेस पार्टी के हैं।
- सांसदों पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर मानसून सत्र के दौरान हंगामा किया था।
- निलंबित होने वाले सांसदों में शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी तथा अनिल देसाई का नाम शामिल हैं।
नई दिल्ली: मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में भारी हंगामा करने वाले 12 सांसदों को मौजूदा शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। निलंबित होने वाले सांसदों में 6 सांसद कांग्रेस पार्टी के हैं, 2-2 सांसद शिवसेना तथा तृणमूल कांग्रेस तथा एक सांसद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का है। निलंबित होने वाले सांसदों पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर मानसून सत्र के दौरान हंगामा किया था।
निलंबित होने वाले सांसदों में शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी तथा अनिल देसाई का नाम शामिल हैं। कांग्रेस से फूलो देवी नेतम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजामनी पटेल, सैयद नासिर हुसैन और अखिलेश प्रसाद सिंह का नाम है। तृणमूल कांग्रेस से डोला सेन और शांता छेत्री का नाम है तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से बिनॉय विश्वम और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से एलमराम करीम का नाम है।
उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी। जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।
ज्ञात हो कि संसद के मॉनसून सत्र में राज्यसभा में हंगामे के दौरान धक्का-मुक्की करने और सदन की मर्यादा का कथित तौर पर उल्लंघन करने के आरोपों के बाद राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की थी। समिति की सिफारिशों के आधार पर इन सांसदों के खिलाफ आज कार्रवाई की गई। संसद का शीतकालीन सत्र आज आरंभ हुआ। यह 23 दिसंबर तक प्रस्तावित है।
गौरतलब है कि मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में महज 28 फीसदी कामकाज हुआ था। 17वीं लोकसभा की छठी बैठक 19 जुलाई 2021 को शुरू हुई और इस दौरान 17 बैठकों में 28 घंटे 21 मिनट कामकाज हुआ। 76 घंटे 26 मिनट संसद में हुए हंगामे, विपक्ष के विरोध और अन्य बाधाओं की वजह से बाधित ही रहा। मॉनसून सत्र में विपक्ष ने कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा। पेगासस जासूसी केस से लेकर महंगाई और किसान आंदोलन विपक्ष के प्रमुख मुद्दे रहे।