मुंबई: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की 'सूट-बूट की सरकार' की टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए शिवसेना ने कहा कि सूटकेस की सरकार की तुलना में सूटबूट की सरकार निश्चित तौर पर अच्छी है और 100 राहुल आ जाएं तो भी मोदी की महालहर के सामने नहीं टिक पाएंगे।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा गया है, '56 दिन की रहस्यमय छुट्टी के बाद राहुल गांधी के व्यवहार और बोल-चाल में परिवर्तन दिखाई दे रहा है। राहुल हिलने, डुलने और बोलने लगे हैं, जिसके कारण कांग्रेस पार्टी में यदि चैतन्य बहने लगा है तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। लेकिन मोदी की महालहर के सामने यह झरना टिकेगा क्या, यह सवाल है।'
संपादकीय में कहा गया है कि राहुल के नए तेवर से नीरस होती राजनीति की रंगत निश्चित तौर पर बढ़ी है। अखबार के मुताबिक, राहुल गांधी की मोदी की सरकार को सूटबूट की सरकार बताने की टिप्पणी का मोदी ने तगड़ा जवाब दिया। शिवसेना ने कहा कि मोदी के यह कहते ही कि सूटकेस की सरकार की तुलना में सूटबूट की सरकार निश्चित ही अच्छी है कांग्रेस थर्रा उठी होगी।
लेख में आरोप लगाया गया है कि पैसों की राजनीति ही सूटकेस की राजनीति होती है। इस तरह से लबालब भरे सूटकेस दिल्ली में घुमाए जाते थे, यह पूरी दुनिया को पता है। कांग्रेस के सूटकेस नोटों से लबालब भर कर नजर करने के लिए होते थे। बीच के 10 सालों में सूटकेस की मांग काफी बढ़ गई थी।
शिवसेना के मुखपत्र के संपादकीय में कहा गया है कि कोयला खदानों का आवंटन , स्पेक्ट्रम आवंटन जिस कार्यकाल में हुए उस काल में तो कहा जाता है कि सूटकेस की कालाबाजारी हुई और बड़े आकार के सूटकेस विशेष रूप से बनवाए गए थे।
इसमें कहा गया है कि इसलिए सूटकेस की तुलना में सूटबूट की सरकार अच्छी है, ऐसा मोदी कहते हैं तब वह सही कहते हैं। शिवसेना ने कहा कि 100 राहुल भी आ जाएं तो भी मोदी के तोपखाने के सामने वे नहीं टिक पाएंगे। संपादकीय में कहा गया है कि सिर्फ साल भर में मोदी ने जो निर्णय लिए हैं और पूरी दुनिया में देश की शान बढ़ाई है, उसके कारण कांग्रेस की बोलती बंद हो गई है।