
भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा के तलाक पर अंतिम फैसला आ चुका है। आधिकारिक रूप से अब युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा पति-पत्नी नहीं है। इस मुद्दे पर युजवेंद्र चहल के वकील नितिन गुप्ता ने कहा, हमने कोर्ट में जो याचिका दाखिल की थी, उसे कोर्ट ने मान लिया है। औपचारिक तौर पर अब युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा पति-पत्नी नहीं हैं। दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए बांद्रा मिजिस्ट्रेट कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें चहल और धनश्री के तलाक के लिए 6 महीने के अनिवार्य कूलिंग-ऑफ पीरियड को छोड़ने से इनकार किया गया था। हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट को आदेश दिया है कि वो आज तलाक की याचिका पर अंतिम फैसला सुनाए। ऐसी मांग इसलिए की गई है ताकि चहल की आईपीएल में भागीदारी प्रभावित न हो। वहीं धनश्री को एलिमनी के तौर पर 4 करोड़ 75 लाख रुपये मिलेंगे।
2022 से अलग रह रहे हैं युजवेंद्र और धनश्री
बता दें कि युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा ने दिसंबर 2020 में शादी की और जून 2022 से अलग रह रहे हैं। उन्होंने फैमिली कोर्ट में संयुक्त तलाक की याचिका दायर की, साथ ही 6 महीने की कूलिंग ऑफ अवधि को माफ करने की मांग की। हाईकोर्ट ने इस बात को ध्यान में रखा गया कि दंपत्ति दो साल से अधिक समय से अलग रह रहे थे और उन्होंने मध्यस्थता प्रक्रिया के दौरान दायर गुजारा भत्ता के भुगतान पर सहमति शर्तों में निर्धारित शर्तों का पालन किया था। फैमिली कोर्ट के विवाह परामर्शदाता ने एक रिपोर्ट पेश की जिसमें कहा गया है कि मध्यस्थता समझौते का आंशिक अनुपालन हुआ है।
एलिमनी के तौर पर धनश्री को मिलेगा 4.75 करोड़
दरअसल चहल ने सहमित शर्तों के अनुसार धनश्री वर्मा को 4.75 करोड़ रुपये का स्थायी गुजारा भत्ता देने पर सहमति व्यक्त की थी। इसमें से अबतक 2.37 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। हालांकि फैमिली कोर्ट ने बाकी बची हुई राशि के भुगतान न किए जाने का हवाला दिया और कूलिंग ऑफ अवधि को माफ करने से इनकार कर दिया। हालांकि हाईकोर्ट ने इसपर कहा कि दंपत्ति ने सहमति शर्तों का पालन किया और यह स्पष्ट है कि दोनों पक्षों ने अपने बीच संभी लंबित मुद्दों सहित अपने मतभेदों को वास्तव में सुलझा लिया है।