Highlights
- दिमाग के विकास को प्रभावित करता है
- हुक्के से कार्बन मोनोऑक्साइड और जहरीली गैसें रिलीज होते हैं
- हुक्का सिगरेट पीने जितना ही जोखिम भरा होता है
International Youth Day: आज दुनियाभर में युवा अंतरराष्ट्रीय डे मनाया जा रहा है। यानी आज का दिन युवाओं का है। भारत भी युवाओं का देश है। आज हम युवाओं से जुड़ी एक बड़ी परेशानी के बारे में बताने जा रहा हुं, जिसे जानकार आपको हैरानी हो जाएगी। भारत समेत दुनिया में युवाओं की एक बड़ी आबादी हुक्का का शिकार हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, द ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया, 2016-17 से पता चलता है कि भारत में लगभग 15 साल से ऊपर 26 करोड़ युवा तंबाकू उत्पादों का उपयोग करते हैं। इनमें खैनी, गुटखा, तंबाकू के साथ सुपारी, बीड़ी, सिगरेट और हुक्का शामिल हैं। शहरी क्षेत्रों में 19 करोड़ और ग्रामीण एरिया में 6 करोड़ से अधिक युवा नशे के शिकार है।
हुक्का कम हानिकारक होता है?
इंडियन जर्नल ऑफ कैंसर के 2016 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हुक्का का प्रचलन 5-14% बताया गया है। हुक्का एक तंबाकू का सेवन करने एक टुल होता है। इनमें कई तरह के फेलेवर मिलते हैं जैसे कि सेब, पुदीना, चेरी, चॉकलेट, नारियल, कैपुचीनो और तरबूज, पान, मींट होता है। हुक्का के सेवन करने वाले लोग बताते हैं कि ये कम हानिकारक मानते हैं जबकि हुक्का सिगरेट पीने जितना ही जोखिम भरा होता है। ऐसे में आज युवा दिवस पर हम आपको युवाओं में हुक्का पीने के खतरनाक परिणामों के बारे में बता रहे हैं। प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन वैश्विक मुद्दों से निपटने और सतत विकास को चलाने और सकारात्मक बदलाव लाने में युवा महिलाओं और पुरुषों की भूमिका को समर्पित है। यह दिन दुनिया के युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अवसर के रूप में भी कार्य करता है।
हुक्का से कार्बन मोनोऑक्साइड और जहरीली गैसें रिलीज होते हैं
अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, हुक्का आपके दिमाग को प्रभावित कर सकता है। यह परिणाम निकोटीन के कारण होता है। अगर आप कम उम्र में हुक्का या किसी भी तरह के तंबाकू का सेवन कर रहे हैं तो यह आपके दिमाग के विकास को प्रभावित करता है। साथ ही, गर्भवती महिलाओं द्वारा तंबाकू का सेवन विकासशील भ्रूण को प्रभावित कर सकता है। यह माना जाता है कि सुगंधित हुक्का लाभकारी होता है क्योंकि यह प्राकृतिक और हर्बल सामग्री से बनाया जाता है लेकिन इस पर विश्वास करना बिल्कुल गलत है। जब चारकोल में फेलेवर को जलाया जाता है तो अंतिम परिणाम कार्बन मोनोऑक्साइड और जहरीली गैसें रिलीज होते हैं जो कि फेफड़ों और पूर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं। ऐसे में आप कभी भी जानलेवा और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।हुक्का धूम्रपान करने वालों को सिगरेट पीने वालों के समान स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा होता है। जहरीले पदार्थ, रसायन और जहरीली गैसें कई तरह के कैंसर के खतरे को बढ़ाने का काम करती हैं। इसमें फेफड़े, मूत्राशय और मुंह के कैंसर, एसोफैगल कैंसर और गैस्ट्रिक कैंसर शामिल हैं।
हुक्का पीने वाले अधिक सांस लेते हैं?
हुक्का पीने वाले सिगरेट पीने वालों की तुलना में अधिक सांस लेते हैं और अधिक गहरी सांस लेते हैं। इसलिए वे अधिक निकोटीन अवशोषित करते हैं। इसके अलावा, अत्यधिक हुक्का धूम्रपान इस्केमिक हृदय रोग, हृदय की विफलता और कोरोनरी धमनी रोग के विकास से जुड़ा हुआ है। आमतौर पर लोग ग्रुप में बैठकर हुक्का पीते हैं। ऐसे में सभी एक ही पाइप का इस्तेमाल करते हैं। जिससे आपको संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों का खतरा हो सकता है। इसमें कोविड, हेपेटाइटिस, मुंह में संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियां शामिल हैं।