Highlights
- भारत की आलोचना करने वाली टिप्पणी स्वीकार्य नहीं: बागची
- उम्रकैद की सजा भुगत रहा है यासीन
Yasin Malik: कश्मीरी अलगाववादी नेता यासिन मलिक पर अदालत के फैसले को लेकर ओआईसी-आईपीएचआरसी (इंडिपेंडेंट पर्मानेंट ह्यूमन राइट्स कमिशन) की उस टिप्पणी को भारत ने शुक्रवार को ‘अस्वीकार्य’ बताया, जिसमें नई दिल्ली की आलोचना की गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दुनिया आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) से अनुरोध किया कि वह इसे किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराए।
भारत की आलोचना करने वाली टिप्पणी स्वीकार्य नहीं: बागची
बागची ने कहा, ‘यासिन मलिक के मामले में फैसले को लेकर भारत की आलोचना करने वाली ओआईसी-आईपीएचआरसी की टिप्पणियों को भारत स्वीकार करने योग्य नहीं मानता।’ उन्होंने कहा कि इन टिप्पणियों के माध्यम से ओआईसी-आईपीएचआरसी ने यासिन मलिक की उन आतंकवादी गतिविधियों को अपना समर्थन दिया है, जिनके संबंध में अदालत में साक्ष्य पेश किए गए हैं।
उम्रकैद की सजा भुगत रहा है यासीन
गौरतलब है कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग केस (Terror Funding Case) में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यासीन मलिक को NIA कोर्ट पहले ही दोषी करार दे चुका था। यासीन पर पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर में आतंकी घटनाओं के लिए फंडिंग करने और आतंकियों को तबाही का सामान मुहैया कराने के कई केस दर्ज थे।
यासीन को 7 नंबर जेल में रखा गया है। तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल के मुताबिक यह एक सेपरेट बैरक है, जहां यासीन मालिक की सुरक्षा को लेकर खास ध्यान दिया जा रहा है। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है।