भारतीय कुश्ती संघ ने खेल मंत्रालय को तमाम आरोपों पर अपना जवाब भेजा है। पहलवानों ने जो आरोप लगाए है, उनका जवाब भारतीय कुश्ती महासंघ की ओर से दिया गया है। अपने जवाब में कुश्ती संघ ने मनमाने ढंग से काम करने और कुप्रबंधन के आरोप को सिरे से नकारा है। जवाब में कहा है की कुश्ती संघ चुनी हुई संस्था है, जो अपने संविधान के हिसाब से चलती है। इसलिए अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य की मनमानी का सवाल ही नहीं उठता।
कुश्ती संघ ने यौन उत्पीड़न पर दिया ये जवाब
कुश्ती संघ ने कहा कि वर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह तीसरी बार चुने गए हैं और उनके नेतृत्व में कुश्ती संघ ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। जवाब में चैंपियनशिप के बारे में भी जानकारी साझा की गई हैं। यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कहा है कि कुश्ती संघ अपने तथा भारत सरकार के नियमों के तहत संचालन करता है। अध्यक्ष समेत किसी भी पदाधिकारी के मनमर्जी से नहीं करता है।
समिति को नहीं मिली यौन उत्पीड़न की कोई शिकायत
यौन उत्पीड़न संबंधी शिकायतों की सुनवाई के लिए कुश्ती संघ की एक पांच सदस्यीय समिति है। इस समिति के बारे में सूचना सार्वजनिक है लेकिन समिति को यौन उत्पीड़न संबंधी कोई शिकायत नहीं मिली है।
पहलवानों के प्रदर्शन में किसी गहरी साजिश का संकेत
जिस तरह से पहलवान प्रेस कांफ्रेंस और प्रदर्शन के माध्यम से मुद्दा उठा रहे हैं उससे किसी गहरी साजिश का संकेत मिलता है। इस बारे में मंत्रालय सरकार से जो भी सूचना मांगेगा, कुश्ती संघ देने को तैयार है।
क्या है पूरा मामला?
भारतीय कुश्ती संघ के विरोध में पिछले 4 दिनों से दिल्ली के जंतर मंतर पर पहलवान धरने पर बैठे हैं। इसी बीच खेल मंत्री से भी इन पहलवानों की चर्चा हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है। वहीं खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ को 72 घंटे में इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। इस पर कुश्ती संघ ने खेल मंत्रालय को जवाब सौंपा है।