नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर में धरना पर बैठे पहलवानों ने गृह मंत्री अमित शाह को लेटर लिखा है और चार मांगें की है। लेटर में बीती रात हुए हंगामा के जिम्मेदार अधिकारियों पर एक्शन लेने, धरना स्थल पर न्यूनतम जरूरत के सामान जैसे वाटर प्रूफ टेंट, मजबूत स्टेज, पलंग, साउंड सिस्टम, गद्दे, प्रैक्टिस के लिए कुश्ती मैट और जिम का सामान लाने की अनुमति मांगी है। वहीं, अलग-अलग जगहों से हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों की रिहा करने की मांग भी रखी गई है तो आखिरी में सरकार के बड़े अफसरों से पहलवानों की मांगों पर चर्चा का जिक्र किया गया है। रेसलर बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने गृह मंत्री को लेटर लिखकर ये चार मांगें रखी हैं।
बजरंग पुनिया ने लेटर में क्या लिखा?
बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने 3 मई की रात में उनके साथ हुई कथित मारपीट के बाद अमित शाह को लेटर लिखा। उन्होंने लेटर में लिखा कि हम ओलंपियन दिल्ली के जंतर-मंतर पर 11 दिनों से अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। 3 मई की रात लगभग 11 बजे जब हम अपने रात्रि विश्राम की व्यवस्था कर रहे थे तो दिल्ली पुलिस के एसीपी धर्मेंद्र ने 100 पुलिस वालों के साथ हम पर हमला कर दिया। इस हमले में दुष्यंत फोगाट और राहुल यादव के सिर फोड़े गए।
लेटर में लिखा है कि विनेश फोगाट के साथ पुलिस अधिकारी ने गाली-गलौज की। इसके साथ ही साक्षी मलिक और संगीता फोगाट के साथ के साथ पुरूष पुलिसकर्मियों ने धक्का-मुक्की की। अंतरराष्ट्रीय पहलवानों पर इस तरह से हमला करना और अपमानित करना खिलाड़ियों का मनोबल तोड़ने और देश की छवि को खराब करने वाला है।
रेसलर्स की गृह मंत्री से मांग
- बीती रात हुई घटना के जिम्मेदार अधिकारियों पर एक्शन
- धरना स्थल पर जरूरत के सामान लाने की इजाजत
- हिरासत में लिए गए सभी साथियों की रिहाई
- सरकार के उच्च अधिकारियों से मांगों को लेकर वार्ता
पहलवानों से मिलने पहुंचे AAP नेता
पहलवानों के साथ झड़प की खबर जैसे ही फैली। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज फौरन पहलवानों से मिलने पहुंच गए। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल भी जंतर मंतर पर पहुंची। कांग्रेस के नेता दीपेन्द्र हुडडा भी पहलवानों से मिलने पहुंचे लेकिन पुलिस ने किसी को भी मिलने की इजाजत नहीं दी। इस बीच पहलवानों ने भी अपील की कि आधी रात को कोई जंतर मंतर ना आए।