नई दिल्ली: हिंदी भाषा न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय है। विदेशी भी इस बात को मानते हैं कि इमोशन को प्रदर्शित करने का जो हुनर हिंदी भाषा में है, वो किसी और भाषा में नहीं है। जैसे कि 'आई लव यू' उतना दिल को नहीं मचलाता जितना 'मैं तुमसे प्यार करता हूं' में खनक है। 10 जनवरी को हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए हर साल विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं भारत में राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है।
क्या है विश्व हिंदी दिवस के पीछे का इतिहास?
10 जनवरी, 1975 को नागपुर में सबसे पहला विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था। इसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। विश्व हिंदी दिवस को औपचारिक रूप से मनाने की घोषणा साल 2006 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने की थी। साल 2006 के बाद से इसे हर साल मनाया जाता है। चूंकि पहला विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया गया था, इसलिए हर साल 10 जनवरी को इस दिवस को मनाते हैं। यह उस दिन को चिह्नित करता है जब साल 1949 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में पहली बार हिंदी बोली गई थी।
हर साल अलग थीम पर मनाया जाता है विश्व हिंदी दिवस
हर साल हिंदी दिवस को अलग थीम पर बनाया जाता है। इस साल की थीम हिंदी पारंपिरक ज्ञान और कृत्रिम बुद्दिमत्ता पर है। दुनियाभर में करोड़ों की संख्या में लोग हिंदी बोलते हैं और ये दुनिया में बोली जाने वाली पांच प्रमुख भाषाओं में से एक है।
हिंदी, हिंदुस्तान की पहचान और गौरव दोनो है। ये भारत की राजभाषा है। यह दुनियाभर में बसे भारतीयों को एक सूत्र में बांधने का सबसे अच्छा माध्यम है। दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में फिजी नाम का एक द्वीप देश है जहां हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। भारत के अलावा फिलीपींस, मॉरीशस, फिजी, नेपाल, सुरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद, तिब्बत और पाकिस्तान में हिंदी बोली और समझी जाती है।
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