Highlights
- भारत बायोटेक ने देश की बढ़ाई दुनिया भर में साख
- 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर इमरजेंसी इस्तेमाल की मिली अनुमति
- नाक के जरिये बूस्टर डोज के तौर पर दी जाएगी वैक्सीन
India Intranasal Corona Vaccine: कोरोना महामारी का दंश झेल रहे देश और दुनिया के लोगों के लिए भारत ने फिर से उम्मीद की एक नई किरण जगाई है। भारत बायोटेक द्वारा निर्मित दुनिया की पहली इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है। ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने मंगलवार को इस इंट्रानेजल वैक्सीन को 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के ऊपर आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। यह वैक्सीन इनकोवैक है। इसके साथ ही भारत बायोटेक कोरोना के नेजल वैक्सीन बनाने का ग्लोबल लीडर बन गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट करके देश और दुनिया के लोगों को यह खुशखबरी दी है। इसे बीबीवी154 कोड दिया गया है। भारत के इस आविष्कार से कोविड के खिलाफ जंग को और भी अधिक मजबूती मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी ट्वीट में लिखा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में भारत अपने विज्ञान, शोध और अनुसंधान व मानव संसाधनों का पूरा इस्तेमाल किया है। वैज्ञानिक अप्रोच के साथ ही साथ सभी के सहयोग से भारत कोविड को मात देगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हैदराबाद की एक फर्म ने नेजल वैक्सी के सभी क्लीनिकल ट्रायल को पूरा कर लिया है।
4000 लोगों पर हुआ तीसरे फेज का ट्रायल
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार इस नेजल वैक्सीन का तीसरे फेज का ट्रायल भी कंपनी ने पूरा कर लिया है। इसमें करीब 4000 वालंटियर्स को शामिल किया गया था। खास बात यह रही कि इसका कोई भी साइड इफेक्ट किसी में नजर नहीं आया। कोई एंटी रिएक्शन न होना अच्छा संकेत है। शुरुआती दौर में यह काफी असरदार पाई गई है। नेजल वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर भी लिया जा सकेगा। जल्द ही लोगों को कोविड से सुरक्षा का यह कवच मिलना शुरू हो जाएगा।
वैज्ञानिकों ने किया कमाल
भारत के वैज्ञानिकों ने यह कमाल करके दिखाया है। इससे भारत की साख एक बार फिर से पूरी दुनिया में बढ़ी है। भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोविड के खिलाफ लड़ाई में ग्लोबल लीडर साबित हुआ है। भारत ने अपने देश की रक्षा करते हुए अन्य देशों की रक्षा के लिए भी सुरक्षा कवच तैयार किया है। इससे कोविड के खिलाफ जंग को और भी अधिक मजबूती मिलेगी। इस वैक्सीन को नाक के जरिये लिया जा सकेगा। इससे कोरोना संक्रमण की संभावना नगण्य हो जाएगी।