Highlights
- भारत 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा: पीएम मोदी
- प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा- भारत में माटी का सम्मान है
- दुनिया के लिए जलवायु परिवर्तन चुनौती: पीएम मोदी
World Environment Day: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान भवन में 'मिट्टी बचाओ आंदोलन' पर आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कहा- 'मिट्टी बचाओ आंदोलन बहुत अहम है।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- 'मुझे संतोष है कि देश में पिछले 8 साल से जो योजनाएं चल रही है, सभी में किसी न किसी रूप से पर्यावरण संरक्षण का आग्रह है। पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं। भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका न के बराबर है। उन्होंने कहा- 'मिट्टी को बचाने के लिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं। दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं उन्हें कैसे बचाएं। तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं। चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें और पांचवा, वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।'
'देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है'
पीएम मोदी ने कहा- 'हम कैच द रेन जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रहे हैं। इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है। इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है। पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है। इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया।
'भारत 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा'
प्रधानमंत्री ने कहा- 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने CDRI और इंटरनेशनल सोलर अलायंस के निर्माण का नेतृत्व किया है। पिछले वर्ष भारत ने ये भी संकल्प लिया है कि भारत 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा। पीएम मोदी ने कहा- 'भारत आज जैव विविधता और वन्यजीव से जुड़ी जिन नीतियों पर चल रहा है, उसने वन्य-जीवों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि की है। आज चाहे बाघ, शेर, तेंदुआ या फिर हाथी हो सभी की संख्या देश में बढ़ रही है।'