बेंगलुरु: आर्ट ऑफ लिविंग का विश्व संस्कृति महोत्सव 2023 वाशिंगटन डी.सी. स्थित प्रतिष्ठित नेशनल मॉल में संपन्न हुआ। इस आयोजन में 10 लाख लोगों की सहभागिता रही जो अपने में रिकॉर्ड है। यह आयोजन वास्तव में दुनिया की संस्कृतियों के एक गुलदस्ते जैसा है क्योंकि 180 देशों के लोग; शांति, मानवता और संस्कृति के, पृथ्वी के सबसे बड़े उत्सव के लिए इकट्ठा हुए। इस कार्यक्रम में एक विश्व परिवार का उत्सव मनाने का संदेश दिया गया। दुनिया के गणमान्य लोग इस आयोजन में शामिल हुए। ग्रैमी पुरस्कार विजेताओं और अन्य प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा मनमोहक संगीत तथा रंगारंग नृत्य प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गईं।
समाज में और अधिक आनंद लाने के लिए हम प्रतिबद्ध हों-श्री श्री
इस अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक, गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने कहा, “यह हमारी विविधता का समारोह मनाने का एक सुंदर अवसर है। हमारा ग्रह इतना विविधतापूर्ण है, फिर भी एकता, हमारे मानवीय मूल्यों में अंतर्निहित है। आइए आज इस अवसर पर हम समाज में और अधिक आनंद लाने के लिए प्रतिबद्ध हों। आइए सबके चेहरे पर मुस्कान लाएं। यही मानवता है। हम सब इसी से बने हैं। कोई भी उत्सव तब तक गहराई नहीं प्राप्त कर पाता जब तक उसे ज्ञान का समर्थन न मिले, और वह ज्ञान हम सभी के भीतर है। बुद्धिमत्ता यह पहचानने में है कि हम सभी अद्वितीय हैं और हम सभी एक हैं। मैं एक बार फिर सबको बता दूं- हम सब एक-दूसरे के हैं। हम सभी एक वैश्विक परिवार के सदस्य हैं। आइए अपनी एकता का उत्सव मनाएं, आइए हम चुनौतियों को स्वीकार करें और व्यावहारिक रूप से उनका सामना करें। आइए हम वर्तमान पीढ़ी और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य का स्वप्न देखें।''
इस ग्लोबल कार्यक्रम में ग्रैमी पुरस्कार विजेता चंद्रिका टंडन तथा 200 साथी कलाकारों द्वारा ‘अमेरिका द ब्यूटीफुल’ और ‘वंदे मातरम’ की भव्य प्रस्तुति दी गई। ‘पंचभूतम’, 1000 कलाकारों द्वारा भारतीय शास्त्रीय नृत्य और अनूठी शास्त्रीय सिम्फनी, ग्रैमी पुरस्कार विजेता मिकी फ्री के नेतृत्व में 1000 वैश्विक गिटार कलाकारों का शानदार गिटारवादन और अफ्रीका, जापान और मध्य पूर्व के पारंपरिक नृत्य जैसे मनमोहक प्रदर्शनों ने सभी को रोमांचित कर दिया।
आर्ट ऑफ लिविंग प्रेरणादायक उदाहरण -जयशंकर
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा- “जबकि हम सभी समृद्धि का विस्तार करने और अपने ग्रह के भविष्य को सुरक्षित करने का प्रयास करते हैं, यह स्वाभाविक है कि हम प्रकृति पर अत्याचार जैसी चुनौतियों का सामना भी कर रहे हैं। चाहे वह प्राकृतिक आपदाएँ हों, मानव निर्मित आपदाएँ हों, संघर्ष हों, या व्यवधान हों, यह महत्वपूर्ण है कि एक अन्योन्याश्रित दुनिया में, हम हमेशा एक-दूसरे के लिए मौजूद रहें। आर्ट ऑफ लिविंग इस विषय में एक प्रेरणादायक उदाहरण रहा है और मैंने व्यक्तिगत रूप से हाल ही में आपके द्वारा यूक्रेन संघर्ष के दौरान किये गए परिवर्तनकारी कार्य को देखा है। आज उनका संदेश, आपका संदेश और हमारा संदेश, देखभाल और साझा करने भी भावना, उदारता, समझदारी और सहयोग की सद्भावना, का होना चाहिए। यही वह बात है जो हम सभी को यहां एक साथ लेकर आई है।”
विश्व संस्कृति महोत्सव के पहले दिन संयुक्त राष्ट्र के 8वें महासचिव बान की मून, डी.सी. मेयर म्यूरियल बोसेर समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। उन्होंने कई वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहे संघर्षरत विश्व में एकता, शांति और सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए अपने विचार रखे।
जीवन जीने की कला की जरूरत
पोप ने रेवरेंड बिशप एमेरिटस मार्सेलो सांचेज़ सोरोंडो, पोंटिफिकल एकेडमी ऑफ साइंसेज के चांसलर एमेरिटस, द होली सी के माध्यम से इस अवसर पर एक सम्मानीय संदेश भी साझा किया; “विश्व शांति के लिए, हमें आंतरिक शांति की आवश्यकता है। शांति का संचार करने के लिए हमें शांति से रहना होगा। और शांति से जीने के लिए हमें जीवन जीने की कला की आवश्यकता है। शांति से जीने की कला पाने के लिए, हमें ईश्वर के साथ संवाद करने की आवश्यकता है। ईश्वर मनुष्य के शत्रु नहीं हैं । ईश्वर मित्र हैं, ईश्वर प्रेम है। और ईश्वर को प्राप्त करने के लिए, हमें ध्यान और प्रार्थना की ओर वापस आना होगा। हमें अपनी जड़ों की ओर वापस आने की आवश्यकता है।'
श्री श्री रवि शंकर से प्रेरित और आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित, विश्व संस्कृति महोत्सव ने सीमाओं को पार कर मानवता और भाईचारे के धागे में बंधी संस्कृतियों की समृद्ध टेपेस्ट्री का जश्न मनाया। डब्ल्यू.सी.एफ संगीत और नृत्य के माध्यम से स्थानीय और स्वदेशी परंपराओं के संरक्षण के लिए एक मंच प्रदान करता है, साथ ही सभी को आनंद लेने और आनंद लेने का अवसर भी प्रदान करता है। यह प्रेम, करुणा और मित्रता जैसे सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों के पुनरुद्धार के लिए एक आंदोलन है।
हमें इन समारोहों की और अधिक जरूरत :बान की-मून
इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के 8वें महासचिव महामहिम बान की-मून ने कहा, “संस्कृति पुल बनाती है, दीवारें तोड़ती है, बातचीत और आपसी समझ के माध्यम से दुनिया को एक साथ लाती है और लोगों और राष्ट्रों के बीच एकता और सद्भाव बढ़ाती है। संस्कृति सभी वैश्विक नागरिकों के बीच प्रभावशाली आदान-प्रदान पैदा कर सकती है। आज, विश्व की सारी सांस्कृतिक समृद्धि यहाँ संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल मॉल में एक साथ आई है। मैं गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर की एकता और विविधता के प्रेरक दृष्टिकोण की सराहना करता हूं। हमें इन समारोहों की और अधिक आवश्यकता है, और अधिक एक साथ आने की, अधिक शांति की, और अधिक सहयोग, एकजुटता और साझेदारी की आवश्यकता है। इस प्रकार हम उन बड़ी चुनौतियों पर डटे रहेंगे जिनका हम अभी सामना कर रहे हैं। इस तरह हम शांति स्थापित करेंगे और संघर्षों का समाधान करेंगे, भूख को समाप्त करेंगे, स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करेंगे, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को आगे बढ़ाएंगे और महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाएंगे। इसी तरह हम आगे बढ़ेंगे और किसी को पीछे नहीं छोड़ेंगे।”