बागलकोट (कर्नाटक): भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ विधायक के. एस. ईश्वरप्पा ने सोमवार को कहा कि जब तक उन्हें मंत्री नहीं बनाया जाता, तब तक वह विधानसभा सत्र में भाग नहीं लेंगे। शिवमोगा से विधायक ईश्वरप्पा ने इस साल की शुरुआत में उडुपी के एक होटल में बेलगावी के एक ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इस मामले में उनपर 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगा था।
ईश्वरप्पा ने पत्रकारों से कहा कि ठेकेदार आत्महत्या मामले में जांच एजेंसी द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के बावजूद उन्हें मंत्री पद से वंचित किया जा रहा है। वरिष्ठ विधायक ने कहा कि वह बेलागवी जाएंगे, जहां विधानमंडल का सत्र चल रहा है, लेकिन इसमें भाग नहीं लेंगे।
बता दें कि कर्नाटक में ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत को लेकर ईश्वरप्पा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। ईश्वरप्पा को इस मामले में प्रथम आरोपी बनाया गया था। 37 वर्षीय ठेकेदार संतोष के पाटिल उडुपी के एक लॉज में संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे। विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य के राज्यपाल थावरचंद गहलोत से ईश्वरप्पा को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने का आग्रह किया था।
वहीं इस मामले पर पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक रमेश जारकिहोली ने दावा किया था कि साजिशकर्ताओं के एक ही समूह का उनसे जुड़े ‘सेक्स सीडी स्कैंडल’ और ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के पीछे हाथ है। उन्होंने दोनों की मामलों की सीबीआई जांच की मांग की।