Highlights
- हमारे देश की नौसेना में 6.5 फीसदी महिलाएं
- रेप की रोज 76 घटनाएं, 19 महिलाएं रोज दहेज हिंसा की शिकार
- सुप्रीम कोर्ट के 33 न्यायधीशों में सिर्फ 4 ही महिला जज
Independence Day PM Modi Speech: स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्रचीर से पीएम मोदी ने देश की तरक्की की हुंकार भरी। अपने संबोधन में उन्होंने खासतौर नारी सम्मान की बात कही। उन्होंने देशवासियों को खासतौर पर महिलाओं का अपमान न करने का संकल्प दिलवाया। हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है कि 'जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं।' सवाल यह उठता है कि आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद क्या देशी की आधी आबादी को वही सम्मान मिला है? हमारे देश में किस क्षेत्र में कितनी महिलाएं देश के विकास में अपना योगदान दे रही हैं। कड़वा सच तो यह है कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं, लेकिन राजनीति में उनकी भागीदारी कम है। पीएम मोदी ने लाल किले की प्रचीर से अपने संबोधन में कहा कि हमारे बोलचाल और हमारे व्यवहार में विकृति आई है। नारी का अपमान करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प लें।
संसद में महिलाओं की भगीदारी 15 फीसदी से भी कम
दरअसल, देश में महिलाओं की आबादी 49 फीसदी के करीब है। जिस संसद में कानून बनाए जाते हैं। वहां महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण लोकसभा और राज्यसभा में देने का बिल भी अभी तक पास नहीं हो सका है। लोकसभा में इस समय 543 सांसदों में 81 महिलाएं हैं। वहीं राज्यसभा की 237 सीटों में से 33 ही महिला सदस्य हैं। इस तरह संसद में 15 फीसदी से भी कम प्रतिनिधित्व है महिलाओं का।
रेप की रोज 76 घटनाएं, 19 महिलाएं रोज दहेज हिंसा की शिकार
महिलाओं के खिलाफ रोजाना देश में अपराध के एक हजार से ज्यादा मामले दर्ज होते हें। रोजाना रेप की 76 से अधिक वारदातें होती हैं। प्रतिदिन 300 से अधिक महिलाओं अपने पति या फिर उनके रिलेटिव्स की हिंसा का सामना करती हैं। दहेज हिंसा की बात करें तो रोज 19 महिलाओं की मौत इस दहेज हिंसा से हो जाती है।
जानिए भारत में महिलाओं की कैसी है स्थिति?
हमारे देश की नौसेना में 6.5 फीसदी महिलाएं
सेना की बात की जाए 2019 के रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक नौसेना में सबसे ज्यादा 6.5 फीसदी महिलाएं हैं। एअरफोर्स में 1.08 फीसदी और थल सेना में 0.56 फीसदी महिला सैनिक हैं।
घरों में हेल्पर के तौर पर काम करती हैं 35 फीसदी महिलाएं
रोजगार में महिलाओं की स्थिति ठीक नहीं है। विश्व बैंक की रिपोर्ट की मानें तो 2019 में महिला वर्कफोर्स की हिस्सेदारी देश में 21 फीसदी से भी कम थी। 79 फीसदी महिलाएं नौकरी करने के काबिल थीं, लेकिन वे काम की तलाश नहीं कर रही थी। सांख्यिकी विभाग की रिपोर्ट के अनुसार देश में 35 फीसदी महिलाएं घरों में हेल्पर के तौर पर काम करती हैं।
सुप्रीम कोर्ट की बात की जाए तो 33 न्यायधीशों में सिर्फ 4 ही महिला जज हैं। सिर्फ सिक्किम व तेलंगाना हाईकोर्ट में ही ऐसा है कि वहां 30 फीसदी से ज्यादा न्यायधीश महिलाएं हैं।