संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने संसद के शीतकालीन सत्र की तारीखों का ऐलान किया। संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि इस बार संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू होगा और यह 29 दिसंबर तक चलेगा। उन्होंने ट्वीट किया कि अमृत काल के बीच सत्र के दौरान विधायी कार्य और अन्य मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है। सदन में रचनात्मक बहस की उम्मीद है।
सत्र के दौरान 23 दिनों में 17 बैठकें होंगी
केंद्रीय मंत्री जोशी ने संसद के शीतकालीन सत्र में बैठक और कामकाज को लेकर जानकारी देते हुए ट्वीट किया कि 7 दिसंबर से 29 दिसंबर तक चलने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 23 दिनों में 17 बैठकें होंगी। जोशी ने संसद के दोनों सदनों का कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिए विपक्षी दलों के सहयोग की उम्मीद करते हुए कहा कि अमृत काल के बीच इस सत्र के दौरान विधायी कार्यों और दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें सदन में रचनात्मक बहस की उम्मीद है।
'संसद प्रवास योजना' किया हैदराबाद दौरा
बता दें कि प्रल्हाद जोशी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की 'संसद प्रवास योजना' के तहत शुक्रवार को हैदराबाद में थे। इस दौरान उन्होंने भाजपा सांसद धर्मपुरी अरविंद के आवास पर हुए हमले की निंदा की। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मैं टीआरएस के इस रवैये और उसकी गुंडागर्दी की निंदा करता हूं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि तेलंगाना पहले एक अधिशेष (सरप्लस) राज्य होता था, लेकिन अब यह एक 'ऋणग्रस्त' राज्य हो गया है।
पुराने संसद भवन में आयोजित होगा शीतकालीन सत्र
सूत्रों ने कहा कि शीतकालीन सत्र संसद के पुराने भवन में आयोजित किए जाने की संभावना है, वहीं सरकार करीब 1,200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार हो रहे नए संसद भवन के इस महीने के अंत या दिसंबर की शुरुआत में प्रतीकात्मक उद्घाटन पर भी विचार कर रही है। शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरु होता है और सत्र के दौरान करीब 20 बैठकें होती हैं। लेकिन ऐसे उदाहरण भी हैं जब 2017 और 2018 में सत्र का आयोजन दिसंबर में किया गया था।