Friday, November 22, 2024
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क्या PM मोदी की इस बात पर तत्काल युद्ध रोक देंगे जेलेंस्की, जानें यूक्रेन को दिया कौन सा मंत्र?

Zelensky Talks With PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को तीसरी बार बातचीत की। इस दौरान चर्चा का मुख्य केंद्र रूस-यूक्रेन युद्ध रहा। पीएम मोदी शुरू से ही रूस और यूक्रेन को युद्ध का रास्ता छोड़कर बातचीत और कूटनीति से समस्या का हल खोजने का सुझाव देते रहे हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: December 27, 2022 6:30 IST
व्लादिमिर जेलेंस्की, यूक्रेन के राष्ट्रपति (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : AP व्लादिमिर जेलेंस्की, यूक्रेन के राष्ट्रपति (फाइल)

Zelensky Talks With PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को तीसरी बार बातचीत की। इस दौरान चर्चा का मुख्य केंद्र रूस-यूक्रेन युद्ध रहा। पीएम मोदी शुरू से ही रूस और यूक्रेन को युद्ध का रास्ता छोड़कर बातचीत और कूटनीति से समस्या का हल खोजने का सुझाव देते रहे हैं। इस बार पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर फिर महत्वपूर्ण चर्चा हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन को तत्काल युद्ध समाप्त कर रूस के साथ बातचीत के लिए आगे आने को कहा है। इससे कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से भी फोन पर बातचीत की थी। पीएम मोदी से वार्ता के बाद ही पुतिन ने दो बार यूक्रेन को बातचीत का न्योता दे चुके हैं। बावजूद युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा। अब पीएम मोदी ने जेलेंस्की को युद्ध तत्काल समाप्त करने और कूटनीति के रास्ते पर आगे बढ़ने को कहा है। ऐसा माना जा रहा है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जल्द ही इस दिशा में कदम उठा सकते हैं।

दोनों नेताओं की काफी देर तक फोन पर बातचीत हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन पर हुई बातचीत में यूक्रेन-रूस युद्ध को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दृढ़ता से दोहराया और कहा कि दोनों पक्षों को अपने मतभेदों का स्थायी समाधान खोजने के लिए वार्ता और कूटनीति की ओर लौटना चाहिए। इसके बाद जेलेंस्की ने एक ट्वीट कर बताया कि उन्होंने जी20 में भारत की सफल अध्यक्षता के लिए मोदी को शुभकामनाएं दीं और साथ ही जी-20 मंच पर प्रस्तावित अपने 'शांति फार्मूले' का उल्लेख करते हुए इसे लागू करने के लिए नयी दिल्ली के समर्थन पर भरोसा जताया।

रूस और यूक्रेन कूटनीति से खोजें स्थाई समाधान

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे उन भारतीय छात्रों की शिक्षा जारी रखने की व्यवस्था करें, जिन्हें इस वर्ष की शुरुआत में यूक्रेन से लौटना पड़ा था। ज्ञात हो कि यूक्रेन पर 24 फरवरी से शुरू हुए रूसी आक्रमण के बाद सैकड़ों भारतीय मेडिकल छात्र स्वदेश लौट आए थे। उनकी आगे की पढ़ाई को लेकर संसद सहित विभिन्न मंचों पर चिंता जताई जा चुकी है। पीएमओ ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के बारे में भी विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने युद्ध को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दृढ़ता से दोहराया और कहा कि दोनों पक्षों को अपने मतभेदों का स्थायी समाधान खोजने के लिए बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटना चाहिए।’’ बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने किसी भी शांति प्रयास के लिए भारत के समर्थन से भी जेलेंस्की को अवगत कराया और प्रभावित नागरिक आबादी के लिए मानवीय सहायता जारी रखने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।

जेलेंस्की ने जी-20 की अध्यक्षता के लिए दी बधाई
पीएमओ ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने जी-20 की अध्यक्षता के लिए भारत को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने भारत के जी-20 की अध्यक्षता की मुख्य प्राथमिकताओं के बारे में बताया, जिसमें खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विकासशील देशों की चिंताओं को आवाज देना शामिल है।’’ इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के अवसरों पर भी चर्चा की। जेलेंस्की ने कहा कि वह अपने शांति फार्मूले के कार्यान्वयन के लिए भारत की भागीदारी की उम्मीद करते हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर बात की और जी-20 की सफल अध्यक्षता की कामना की।

इसी मंच पर मैंने शांति फार्मूले की घोषणा की थी और अब मैं इसके कार्यान्वयन में भारत की भागीदारी की उम्मीद करता हूं। मैंने मानवीय सहायता और संयुक्त राष्ट्र में समर्थन के लिए भी धन्यवाद दिया।’’ फरवरी में संघर्ष शुरू होने के बाद से, मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ जेलेंस्की से भी कई बार बात की है। चार अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर हुई बातचीत में, मोदी ने कहा था कि ‘‘कोई सैन्य हल नहीं’’ हो सकता है और भारत किसी भी शांति प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है। भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है और वह इस बात पर कायम है कि इस मुद्दे का समाधान कूटनीति और बातचीत के माध्यम से किया जाना चाहिए।

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