Highlights
- सर्वाइकल कैंसर की भारत ने बनाई स्वदेशी वैक्सीन
- सिर्फ 200 से 400 होगी वैक्सीन की अनुमानित कीमत
- सर्वाइकल कैंसर से प्रतिवर्ष देश में 67 हजार से अधिक महिलाओं की जाती है जान
India Cancer Vaccine: कैंसर मरीजों के लिए अब तक की सबसे बड़ी खुशखबरी है। भारतीय वैज्ञानिकों ने कैंसर की एक ऐसी स्वदेशी वैक्सीन खोज ली है, जिसकी डोज दिए जाने के बाद लोगों में इस बीमारी के होने की संभावना लगभग नगण्य हो जाएगी। ऐसे में देश-दुनिया के तमाम मरीजों के लिए कैंसर से बच पाना आसान हो जाएगा। यह वैक्सीन कैंसर से बचाव के लिए है, न कि इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। यानि इस वैक्सीन को लगवाने वालों में कैंसर होने के चांस न के बराबर रहेंगे।
मगर लोगों के दिलों-दिमाग में यह बात आ रही है कि ये वैक्सीन क्या सभी तरह के कैंसर में काम करेगी, क्या कैंसर हो जाने के बाद इस वैक्सीन को लेने से मरीज ठीक हो सकते हैं। इत्यादि सवालों के जवाब आइए आपको हम विस्तार से समझाते हैं।
दरअसल यह वैक्सीन कैंसर प्रिवेंशन यानि कैंसर से बचाव के लिए है। कैंसर की गिरफ्त में जा चुके लोगों के लिए इसकी खोज नहीं की गई है। यह वैक्सीन सिर्फ सर्वाइकल कैंसर में काम करेगी। यानि सिर्फ महिलाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर से उन्हें बचा सकेगी। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में ही होता है, लेकिन कई बार यह कुछ पुरुषों में भी हो सकता है। भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे अधिक होने वाला कैंसर है। यह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस(एचपीवी) की वजह से होता है।
10 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद खोजी वैक्सीन
भारतीय वैज्ञानिकों ने करीब 10 वर्षों के कठिन परिश्रम के बाद इस स्वदेशी वैक्सीन को खोजने में सफलता पाई है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इसे लांच भी कर दिया है। जल्द ही यह वैक्सीन बाजार में महिलाओं के लिए उपलब्ध होगी। नौ वर्ष की बच्चियों से लेकर 26 साल की युवतियों तक को इसकी डोज दी जा सकेगी। अभी तक एचपीवी वैक्सीन विदेशी उपलब्ध थी, लेकिन यह अत्यधिक महंगी होने के कारण देश भर की महिलाओं को देने का बजट नहीं बन पा रहा था।
नई वैक्सीन होगी बेहद सस्ती
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अनुसार नई वैक्सीन की कीमत 200 से 400 रुपये तक होने की उम्मीद है। यानि यह सभी सामान्य युवतिओं की पहुंच में होगी। इससे उन्हें भविष्य में होने वाले सर्वाइकल कैंसर के खतरे से बचाया जा सकेगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रतिवार्ष करीब 1.23 लाख महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होता है। इनमें से 67 हजार से अधिक महिलाओं की मौत हो जाती है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर मौतों का दूसरा बड़ा कारण है।
क्यों होता है सर्वाइकल कैंसर
महिलाओं के गर्भाशय और योनि से जुड़ने वाली नली सर्विक्स में यह कैंसर होता है। इसकी वजह से इसको सर्वाइकल कैंसर का नाम दिया गया है। यह कैंसर महिलाओं में यौन संक्रमण और निजी अंग की साफ-सफाई नहीं रखने की वजह से होता है। सर्वाइकल कैंसर होने पर महिलाओं के पेल्विस में दर्द, रक्तस्राव और पेशाब में जलन व संक्रमण जैसे लक्षण आ सकते हैं।
राष्ट्रीय वैक्सीनेशन के तहत लगेगा टीका
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों को मद्देनजर रखते हुए इस वैक्सीन को देश के राष्ट्रीय वैक्सीन कार्यक्रम से जोड़ने का फैसला किया है। ताकि सभी युवतियों व किशोरियों को इसकी डोज देकर उन्हें भविष्य में होने वाले सर्वाइकल कैंसर से बचाया जा सके।