Monday, December 23, 2024
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क्या मौजूदा वैक्सीन से हारेगा ओमिक्रॉन? जानें, कोरोना के नए वेरिएंट से क्यों खौफ में है दुनिया

कोरोना के देसी टीके कोवैक्सीन को बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा है कि उसने ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन के असर को लेकर स्टडी शुरू कर दी है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : December 01, 2021 22:00 IST
Omicron, Omicron Vaccine, Omicron Vaccine Efficacy
Image Source : AP कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट ने इस समय पूरी दुनिया की सरकारों के साथ-साथ आम जनता की नींद उड़ा रखी है।

Highlights

  • कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट वैक्सीन से पैदा हुए इम्यून सिस्टम को भी बेधने में सक्षम है।
  • अदार पूनावाला ने कहा है कि ओमिक्रॉनके खिलाफ वैक्सीन की क्षमता जांचने में 2-3 हफ्ते का वक्त लग सकता है।
  • ब्रिटेन के शीर्ष वैज्ञानिकों ने कहा था कि ओमिक्रॉन कोई आपदा नहीं है और टीके इससे बचाव कर सकते हैं।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट ने इस समय पूरी दुनिया की सरकारों के साथ-साथ आम जनता की नींद उड़ा रखी है। दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले मिले इस वेरिएंट के बारे में जो शुरुआती जानकारी मिली है, उसमें इसे काफी संक्रामक बताया है। वहीं, कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट वैक्सीन से पैदा हुए इम्यून सिस्टम को भी बेधने में सक्षम है। हालांकि इस बारे में अभी तक कुछ भी साफ नहीं हो पाया है और इस वेरिएंट से जुड़ी बहुत सी बातें सामने आना अभी बाकी है।

क्या कोरोना का मुकाबला कर पाएंगी मौजूदा वैक्सीन?

कोरोना रोधी वैक्सीन कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ  वैक्सीन की क्षमता को जांचने में अभी 2-3 हफ्ते का वक्त लग सकता है। उन्होंने कहा कि अभी यह कहना ठीक नहीं होगा कि यह वेरिएंट ज्यादा या कम खतनाक है। वहीं, कोरोना के देसी टीके कोवैक्सीन को बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा है कि उसने ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन के असर को लेकर स्टडी शुरू कर दी है। उसने कहा कि कोवैक्सीन को कोरोना के सबसे शुरुआती वुहान वेरिएंट के खिलाफ विकसित किया गया था।

क्या अब तक का सबसे खतरनाक वेरिएंट है ओमिक्रॉन?
वहीं, दक्षिण अफ्रीका के एक डॉक्टर ने कहा है कि इस वेरिएंट से संक्रमित लोगों में आमतौर पर सूखी खांसी, बुखार, रात को पसीना आना, शरीर में दर्द होना जैसे हल्के लक्षण ही देखने को मिले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संक्रमितों में से टीका ले चुके लोगों की स्थिति टीका नहीं लेने वालों से बहुत बेहतर है। वहीं, ब्रिटेन के शीर्ष वैज्ञानिकों ने कहा था कि ओमिक्रॉन कोई आपदा नहीं है और टीके अब भी इससे होने वाली बीमारी से बचाव कर सकते हैं। उन्होंने कहा था कि हमें लगता है कि स्थिति को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।

ओमिक्रॉन पर क्यों बेअसर हो सकती हैं मौजूदा वैक्सीन?
ओमिक्रॉन को अब तक का सबसे तेज म्यूटेशन वाला वायरस कहा जा रहा है। इसके स्पाइक प्रोटीन में ही 30 म्यूटेशन हो चुके हैं। स्पाइक प्रोटीन के जरिए ही वायरस इंसान की कोशिकाओं में घुसने के रास्ते को खोलता है। कोरोना का टीका स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ ही एंटीबॉडी तैयार करके शरीर को इसके खिलाफ लड़ने के लिए तैयार करती है। वहीं, मौजूदा वैक्सीन को चीन के वुहान में मिले कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार किया गया था, इसलिए अब इस बात की आशंका जताई जा रही है कि हो सकता है कि नए वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन उतनी काम न करे।

क्या दुनिया को नई वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या दुनिया को नई वैक्सीन की जरूरत होगी? इसका जवाब यही है कि अभी तक इस वेरिएंट के बारे में इतनी कम जानकारी मिल पाई है कि कुछ भी कहना मुश्किल है। हो सकता है कि मौजूदा वैक्सीन काफी हद तक ओमिक्रॉन के खिलाफ कारगर साबित हों। वहीं, यह भी एक तथ्य है कि वेक्सीन को लेकर लगातार अनुसंधान चल रहे हैं और उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले दिनों में दुनिया के सामने बेहतर से बेहतरीन वैक्सींस आएंगी।

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